देवभूमि उत्तराखंड के लिए कल का दिन होगा बेहद सुकून भरा, विश्वविख्यात चार धाम यात्रा कल से शुरू,सरकार ने यात्रा को सुचारू रूप से चलाने की सभी तैयारियां की पूरी।

देहरादून

देवभूमि उत्तराखंड के लिए कल का दिन बेहद सुकून भरा और प्रतीक्षा पूरी होने वाला है। उत्तराखंड के विश्वविख्यात चार धाम यात्रा कल यानी 18 सितंबर से शुरू हो रही है। हाईकोर्ट ने कुछ खास शब्दों के साथ यात्रा शुरू करने की अनुमति कल प्रदान कर दी थी जिसके बाद शासन ने भी युद्ध स्तर पर दिशा निर्देश जारी करते हुए यात्रा को सुचारू रूप से चलाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

यह मानक प्रचालन विधि (SOP) बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं / यात्रियों आवासीय व्यवस्था संचालकों एवं अन्य हितग्राहियों को कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखते हुए यात्रा सम्पादित करने के प्रयोजन हेतु निर्गत की जा रही है। इस मानक प्रचालन विधि (SOP) का सभी हितग्राहियों यथा चार धाम यात्रा से सम्बन्धित सरकारी विभाग एजेंसियां, ट्रैवल टूर ऑपरेटर आवासीय सुविधा, रेस्टोरेट चिकित्सा सेवा प्रदाता श्रद्धालु / यात्री तथा धामों से सम्बन्धित सभी हितधारकों द्वारा अक्षरशः अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा।
बता दें कि उच्च न्यायालय ने कोरोना संक्रमण के कारण 28 जून को चार धाम यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था हालांकि इस दौरान सरकार ने चार धाम यात्रा को शुरू करने का फैसला भी लिया लेकिन अदालत के नियमों के कारण यात्रा शुरू नहीं की जा सके। अब एक लंबी प्रतीक्षा का अंत हो गया है और चारधाम यात्रा मार्ग पर एक बार फिर रौनक लौटने की उम्मीद है इसके साथ ही सिखों के प्रमुख प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हेमकुंड यात्रा भी कल से ही शुरू होने जा रही है।

अदालत की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि नए नियमों के अनुरूप भगवान बद्रीनाथ के धाम में 1200 भक्त या यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के जाने की अनुमति दी है। इसके अलावा कोर्ट ने श्रद्धालुओं को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाने को भी कहा है।निर्देशों के अनुसार बद्रीनाथ का गरम कुंड हो या फिर तीर्थ स्थलों के अन्य कुंड तीर्थयात्री यहां स्नान नहीं कर पाएंगे। गरीबों के साथ ही सही उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का शुरू होना एक सुखद समाचार है और इससे हजारों लाखों लोगों को तो लाभ होगा ही साथ ही अपने आराध्य देवों के दर्शनों का लाभ भी श्रद्धालु उठा पाएंगे।

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