प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा व आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक श्री झण्डा जी मेले का आगाज, देश विदेश से भारी संख्या में देहरादून पहुंची संगतें व श्रद्धालु

देहरादून

प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा व आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक श्री झण्डा जी मेला इस साल बेहद भव्य स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। वर्ष भर संगतें व श्रद्धालु इस पावन बेला का इंतजार करते हैं। देश विदेश से भारी संख्या में संगतें व श्रद्धालु गुरु की नगरी देहरादून पहुंच चुके हैं। नगर वासियों की ओर से चारों ओर गुरु की प्यारी संगतों को आदर सत्कार हो रहा है। गुरु की नगरी देहरादून गुरु की प्यारी संगतों से निहाल है। शनिवार सुबह 7ः00 बजे श्री झण्डे जी को उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई। आज दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में श्री झण्डे जी का आरोहण किया गया। 01 अप्रैल को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी।ऐतिहासिक श्री झण्डे जी मेले में शीश नवाने व श्री गुरु राम राय जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देश विदेश से लाखों की संख्या में संगतें हर साल देहरादून पहुंचती हैं। संगतों को साल भर इस पावन बेला के साक्षी बनने का इंतजार रहता है।

श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कहा श्री झण्डे जी मेले एतिहासिक महत्व है। सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म सन् 1646 ई. में जिला होशियारपुर के कीरतपुर, पंजाब में हुआ था। श्री गुरु राम राय जी महाराज ने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना व श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झण्डा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। होली के पाॅचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाचा जाता है व हर साल श्री झण्डे जी मेल का आयोजन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के अवसर पर हर साल श्री दरबार साहिब, देहरादून में श्री झण्डे जी मेले का आयोजन किया जाता है।

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