गर्व का पल: पुलवामा एनकाउंटर में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता बनी लेफ्टिनेंट, देखिए उनके प्रेम और त्याग की महान कहानी

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देहरादून: पुलवामा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड के जाबांज शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी निकिता ढौंडियाल ने आज सेना की वर्दी पहन ली है। निकिता आज पास आउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं।

आपको बता दें कि कश्मीर के पुलवामा में 18 फरवरी 2019 में आतंकियों से लोहा लेते हुए देहरादून निवासी मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए थे। तब शहीद मेजर विभूति और निकिता कौल ढौंडियाल की शादी को महज 10 महीने ही हुए थे।

इसके बाद निकिता ने पति के नक्शे कदम पर चलते देश सेवा करने की ठानी। इसी कड़ी में निकिता ने पिछले साल इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा पास करने के बाद चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग ले रही थी। ट्रेनिंग पुरी करने के बाद आज वह बतौर लेफ्टिनेंट सेना में शामिल हो गई हैं।

वहीं मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने लिखा कि, “पुलवामा हमले के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले, शौर्य चक्र से सम्मानित मेजर विभूति शंकर ढोंढ़ीयाल जी की पत्नी श्रीमति नीतिका जी का सेना में भर्ती होना न केवल उनके वीर पति को सच्ची श्रद्धांजलि है, अपितु उत्तराखण्ड के लिए भी गौरव का क्षण है। उनकी राष्ट्र निष्ठा को मेरा प्रणाम।”

34 साल के मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनाथ थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। मेजर विभूति को बचपन से ही सेना में शामिल होने का जुनून था। वह दो बार फेल भी हुए लेकिन फिर आखिरकार उन्हें सफलता मिली।

शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के अदम्य साहस को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। 18 फरवरी को ऑपरेशन शुरू हुआ तो आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। टीम का नेतृत्व कर रहे विभूति ढौंडियाल के सीने और गले में गोली लग गई थी। मेजर विभूति की टीम ने दो आतंकी मार गए।

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