देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण में काफी हद तक साधन संपन्न शहरों की व्यवस्था तक चरमरा गई है। ऐसे में सुविधाओं में पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रसार हालात और बिगाड़ सकता है। शहरों में अधिक संक्रमण का खतरा होने से बड़ी संख्या में लोग पहाड़ों में गांवों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में गांवों को कोरोना से महफूज रखने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है।
अब उत्तराखंड के भीतर देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और यूएसनगर से अन्य पहाड़ी जिलों में जाने को आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट या रैपिड एंटीजन रिपोर्ट अनिवार्य रहेगा। जिला बॉर्डर पर आने-जाने वाले हर व्यक्ति की जांच की जाएगी।
बता दें कि, प्रदेश में 18 मई तक कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट बिना एंट्री नहीं मिलेगी। राज्य में प्रवेश करने के लिए स्मार्ट सिटी वेबपोर्टल पर अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहीं विभिन्न प्रांतों से आने वाले प्रवासियों को एक हफ्ते क्वारंटाइन अनिवार्य रूप से रहना होगा। ग्राम पंचायतें इसके लिए व्यवस्था करेंगी। एक हफ्ते बाद यदि किसी व्यक्ति में कोई लक्षण नजर नहीं आते तो तब ही उन्हें घर जाने की इजाजत दी जाएगी।
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