मुख्यमंत्री तीरथ रावत का फैसला- घाट-नंदप्रयाग सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस

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देहरादून: घाट-नंदप्रयाग सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि लोगों की सड़क चौड़ीकरण की मांग को भी जल्द ही पूरा किया जाएगा।

सचिवालय में रविवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी जनहित की मांग को लेकर प्रदर्शन करना लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार है। कानून न तोड़ने वाले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। लोगों के इस अधिकार को समझते हुए ही सरकार ने कोविड काल में दर्ज मुकदमों को वापस करने का फैसला किया है। इससे करीब 4500 लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

चमोली जिले में घाट नंदप्रयाग सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठियां भांजी तो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार के गैरसैंण में बजट सत्र में व्यस्तता के बीच सियासत भी गरमा गई थी। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मजिट्रेट जांच के आदेश भी दिए थे। यह जांच अभी जारी है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नरम रुख से सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे कई लोगों को राहत मिलेगी। इन लोगों के लिए एक बड़ी राहत यह भी है कि तीरथ सरकार ने सड़क चौड़ीकरण की मांग को जल्द पूरा करने का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही यह मांग पूरी की जाएगी। 

गौरतलब है कि, नंदप्रयाग-घाट सड़क करीब 19 किलोमीटर की है। इस सड़क के चौड़ीकरण की मांग को लेकर लोग लंबे समय से आंदोलनरत थे। इसी वजह से कांग्रेस को भी मुखर होने का मौका मिला था और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तो बाकायदा सरकार से कहा था कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मांग पर फैसला हो गया था। वर्तमान सरकार इसे बनाए।

इधर कर्णप्रयाग और थराली विधानसभा के करीब 70 से अधिक गांवों को जोड़ने वाली इस सड़क को लेकर लोगों को आंदोलन अभी जारी है। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के सियासी घमासान में एक वजह प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज को भी माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्रों में कभी इस तरह की बात सामने नहीं आई कि लोगों को पुलिस की लाठियों का सामना करना पड़ा हो।

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