उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने लिया फैसला, 1 जनवरी 2024 से होगा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार, केंद्र एवं राज्य सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप

देहरादून

उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश स्तरीय बैठक जैन धर्मशाला देहरादून में, श्रीमती सुशीला खत्री प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक में कई ब्लॉको के अध्यक्षों ने भाग लिया ,एवं अपनी समस्याओं को बैठक में रखा। श्रीमती मधु पुंडीर द्वारा बैठक का संचालन किया गया, ब्लॉक अध्यक्ष श्रीमती बीरो खन्ना द्वारा कहा गया कि 20 सितंबर 2023 को एवं 25 सितंबर 2023 को प्रदेश स्तरीय रैली के माध्यम से उत्तराखंड की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं एवं मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री  को सौपा ,लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनदेखा किया जा रहा है।
ब्लॉक अध्यक्ष श्रीमती जोली देवी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भारत सरकार द्वारा 4500 और सहयिकाओ को 2200 रुपए प्रति माह दिया जाता हैं, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को ,श्रम कानून के तहत मिलने वाले लाभ जैसे ग्रेच्युटी पेंशन भविष्य निधि और स्वास्थ्य सुविधा का लाभ भी उन्हें नहीं मिलता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय बहुत ही कम है एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का अत्यधिक शोषण किया जा रहा है और उनकी स्थिति बंधवा मजदूरों की तरह है।
श्रीमती निधि गुप्ता द्वारा बैठक में बताया गया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 25 अप्रैल 2022 के फैसले के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं ग्रेजुएटी भुगतान अधिनियम के प्रावधान के अनुसार ग्रेजुएटी पाने की हकदार हैं , एक वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी सरकार ने उस निर्णय को देश में कहीं भी लागू नहीं किया है यह माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले की और अमानना है,
सिविल अपील संख्या 3153 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका मानदेय कर्मचारी नहीं है वह सरकार की प्रत्यक्ष कर्मचारी हैं इसलिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओ की सेवाएं नियमित करें ,उन्हें अस्थाई नौकरी दें और सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला वेतनमान भत्ते और सामाजिक कल्याण एवं अन्य सभी लाभ दें,
कविता देवी ने कहा कि हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ग्रेच्युटी प्रदान कर उन्हें स्थाई नौकरी और पद के अनुरूप वेतनमान दें।

इसके अतिरिक्त ललिता पवार ने कहा कि विभाग द्वारा जो मोबाइल फोन हमें दिए गए थे वह सभी खराब हो चुके हैं ऑनलाइन कार्य करने के लिए राज्य सरकार नए फोन उपलब्ध कराए,
बैठक में उपस्थित गीता भल्ला ने कहा कि आंगनबाड़ी की रिटायरमेंट की आयु को अन्य राज्यों की भांति 62 वर्ष तक बढ़ाया जाए।
रानी नौटियाल ने भवन किराए की समस्या, आंगनबाड़ी केंद्रों में कुक्ड फूड की समस्या, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के उच्चारण की समस्या, ऑनलाइन कार्य करने की समस्या, एवं ढूलान की समस्या आदी अन्य समस्याओं पर अपने विचार प्रकट किया, अंत में बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को अनदेखा करती आ रही है जिसके कारण प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है, इसलिए एक जनवरी 2024 से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर है, अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा
जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार एवं विभाग की होगी।
बैठक में रीना शर्मा, गीता भल्ला ,सुनीता कौशल, रानी नौटियाल, सोनिया, दीपा, सावित्री आदि शामिल रहे।

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