उत्तराखंड की होनहार महिला क्रिकेटर श्वेता वर्मा जल्द ही इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने जा रही हैं। पिथौरागढ़ के थल क्षेत्र में रहने वाली श्वेता वर्मा का चयन भारतीय महिला क्रिकेट टीम में हुआ है। श्वेता ने अपनी उपलब्धियों से प्रदेश का मान बढ़ाया है, अब वो जल्द ही देश का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी। आज हम श्वेता की सफलता देख रहे हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने का उनका सफर बेहद मुश्किल भरा रहा है। दो साल पहले श्वेता के पिता मोहन लाल वर्मा का निधन हो गया था। परिवार बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा था, लेकिन श्वेता और उनकी मां कमला वर्मा ने खुद को हारने नहीं दिया। श्वेता की मां कमला वर्मा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, बेटी का पूरा खर्च वो अपनी मेहनत से जुटा रही हैं। उन्होंने बेटी के सपने को पूरा करने में आर्थिक संसाधनों की कमी आड़े नहीं आने दी। श्वेता ने भी माता-पिता की मेहनत का मान बनाए रखा। 24 साल की श्वेता का जन्म थल क्षेत्र के सामान्य पहाड़ी परिवार मे हुआ था। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर से की। बचपन में श्वेता परिवार के सदस्यों संग टीवी पर क्रिकेट मैच देखा करती थी, यहीं से उनमें क्रिकेट के प्रति जुनून पैदा हुआ।
प्रारंभिक शिक्षा पूरी होते ही श्वेता ने बल्ला थाम लिया। उनकी हमउम्र लड़कियों को क्रिकेट में दिलचस्पी नहीं थी, तो श्वेता लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने लगीं। वो गांव में होने वाली क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेने लगीं। इंटर के बाद आगे की पढ़ाई के लिए श्वेता अल्मोड़ा पहुंची। यहां उन्होंने महाविद्यालय स्तर पर क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। कॉलेज के क्रिकेट कोच लियाकत अली ने भी श्वेता के खेल को निखारने में हरसंभव मदद की। उन्होंने चार साल तक श्वेता को क्रिकेट की बारीकियां सिखाईं। इस दौरान तमाम प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के साथ ही श्वेता उत्तर प्रदेश की टीम से क्रिकेट खेलने लगी। काशीपुर में ट्रेनिंग के दौरान वो इंडिया ए टीम में सेलेक्ट हुईं। साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम में चयन के लिए भी मेहनत करती रहीं। आज उनकी मेहनत का नतीजा सबके सामने है। श्वेता भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गई हैं। वो 7 मार्च से लखनऊ में दक्षिण अफ्रीका की टीम के साथ पांच मैचों की वनडे सीरीज खेलेंगी।
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