दिवाली के पटाखों से बिगड़ी आबोहवा, धुएं के गुबार से सांस एवं दिल के मरीजों पर संकट, 24 घंटे में दोगुने स्तर पर पहुंचा प्रदूषण का स्तर

देहरादून

दिवाली के पटाखों से बिगड़ी आबोहवा, धुएं के गुबार से सांस एवं दिल के मरीजों पर संकट

 

उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक हरिद्वार में वायु की गुणवत्ता (एक्यूआई) का स्तर 168 और देहरादून में 131 पहुंच गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिवाली से पूर्व कराई गई थर्ड पार्टी मॉनीटिरिंग में यह आंकड़े सामने आए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि एक्यूआई के मध्यम स्तर पर पहुंच जाने से फेफड़े, सांस, दमा एवं दिल के मरीजों, बच्चों एवं बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
सात जगह थर्ड पार्टी मॉनीटरिंग

दिवाली से पहले और बाद में प्रदेशभर में सात जगहों पर थर्ड पार्टी निगरानी कराई जा रही है। देहरादून में घंटाघर, नेहरू कॉलोनी समेत ऋषिकेश, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर और हल्द्वानी में निगरानी शुरू की गई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स निकालने के लिए पीएम-10, पीएम 2.5, एसओटू, एनओएक्स पैरामीटर पर वायु की गुणवत्ता की निगरानी की जा रही है। ध्वनि प्रदूषण की निगरानी को दीपावली से एक दिन पहले एवं एक दिन बाद साउंड लेवल मीटर से रीडिंग ली जाएगी। जिसका औसत निकाल लिया जाएगा। सुबुद्धि ने कहा कि लोगों को भी जागरूक होना होगा। हर साल दिवाली से पहले एवं बाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

यह है स्थिति
दिनाक घंटाघर, दून नेहरू कॉलोनी, दून ऋषिकेश हरिद्वार काशीपुर हल्द्वानी रुद्रपुर

17 अक्तूबर 115 102 95 108 105 102 पता नहीं

18 अक्तूबर 118 104 96 117 106 100 102
19 अक्तूबर 119 107 94 129 108 103 104

20 अक्तूबर 114 106 98 134 114 106 108

21 अक्तूबर 126 118 106 138 109 99 105

22 अक्तूबर 131 123 114 168 116 104 112

ये है एक्यूआई के मानक

एक्यूआई स्तर

0-50 अच्छा

51-100 संतोषजनक

101-200 मध्यम

201-300 खराब

301-400 बेहद खराब

401-500 गंभीर

सांस एवं दिल के मरीज धुएं से दूर रहें

सांस एवं दमा रोग विशेषज्ञ डा. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने से बच्चे, गर्भवती महिलाएं और सांस समेत दिल के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हवा में धूल के कणों के साथ घुले बारूद के कण और धुएं के संपर्क में ज्यादा देर रहने वालों को खांसी, आंखों में जलन, त्वचा में चकत्ते पड़ने के साथ उल्टी की समस्या भी हो सकती है। पटाखों के प्रयोग से और ज्यादा प्रदूषण बढ़ेगा। सांस एवं दिल के मरीज अपनी दवाएं नियमित लेते रहें और धुएं से दूर रहें। इसके अलावा वह मास्क पहनें, दिक्कत होने पर तत्काल अस्पताल आएं।

24 घंटे में दोगुने स्तर पर पहुंचा प्रदूषण का स्तर
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें, तो दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली पर हुई आतिशबाजी और मुख्य पर्व पर हुई आतिशबाजी से ज्यादातर शहरों में प्रदूषण का स्तर औसतन दोगुने पर पहुुंच गया। दिवाली से एक दिन पहले जहां दून में एक्यूआई 136 था, वहीं सोमवार को 247 दर्ज किया गया। ऋषिकेश में 122 और 236 दर्ज किया गया। हरिद्वार में एक्यूआई 188 था, जबकि दिवाली के दिन 223 पर पहुंच गया। काशीपुर में एक दिन पहले एक्यूआई 125 था, जो दिवाली के दिन 249, रुद्रपुर में 120 की जगह 240 एक्यूआई पहुंच गया।

एक्यूआई के मानककेंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, शून्य लेकर 50 एक्यूआई स्तर को सेहत के लिए ठीक माना जाता है, जबकि 51 से लेकर 100 तक एक्यूआई संतोषजनक, 101 से लेकर 200 तक एक्यूआई को मध्यम, 201 से लेकर 300 को खराब, 301 से लेकर 400 एक्यूआई स्तर को सेहत लिहाज से बेहद खराब और 401 से 500 तक एक्यूआई स्तर को सेहत के लिहाज से बेहद गंभीर माना जाता है।

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