देहरादून
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, नवनीत सिंह* द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एसटीएफ द्वारा बताया गया कि एक प्रकरण वर्ष 2022 का है, जिसमें पीड़ित निवासी देहरादून ने थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराया था।जिसमें पीड़ित ने अपना मकान किराए पर देने के लिए OLX प्लेटफ़ॉर्म पर विज्ञापन प्रकाशित किया था। उसी विज्ञापन के आधार पर अभियुक्त ने पीड़ित से संपर्क किया।अभियुक्त ने स्वयं को सीआईएसएफ/सेना का जवान बताते हुए पीड़ित का विश्वास जीता और फर्जी आधार कार्ड एवं पहचान पत्र व्हाट्सएप पर साझा किए। इसके बाद अभियुक्त ने पीड़ित को यह कहकर भ्रमित किया कि सेना/पैरामिलिट्री के नियमों के अनुसार मकान किराए पर लेने से पहले अग्रिम राशि मकान मालिक द्वारा भी जमा करानी होती है।इस झांसे में आकर पीड़ित ने विभिन्न बैंक खातों में कुल ₹12,46,000/- की राशि ट्रांसफर कर दी।मामले की विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरुद्ध साक्ष्य पाए जाने पर चार्जशीट दाखिल की गई थी।प्रकरण में न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।
प्रकरण की गंभीरता के दृष्टिगत *वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा-निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा तथा विवेचना अधिकारी निरीक्षक विकास भारद्वाज* द्वारा किया गया। *अपर उपनिरीक्षक सुनील भट्ट* , साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। साइबर क्राइम पुलिस टीम द्वारा लगातार तकनीकी निगरानी एवं सतत पुलिसिंग से अभियुक्त का लोकेशन ट्रेस कर उसे दबोचा गया। इस प्रकरण का मुख्य अभियुक्त शरीफ मोहम्मद पुत्र महबूब, निवासी कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर, राजस्थान को गिरफ्तार किया गया।
विवेचना के दौरान एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त शरीफ मोहम्मद पुत्र महबूब, निवासी कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर (राजस्थान) का नाम प्रकाश में आया था। अभियुक्त द्वारा किए गए अपराध पर भा0द0वि0 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत में माननीय न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।साइबर थाना पुलिस टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लगातार तकनीकी विश्लेषण, बैंक खातों की जांच, कॉल डिटेल्स एवं डिजिटल फुटप्रिंट्स का अध्ययन किया। न्यायालय, देहरादून के आदेशानुसार साइबर थाना पुलिस टीम ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया तथा भा0द0वि0 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही की गई।
*अपराध का तरीका*
अभियुक्त ने स्वयं को सीआईएसएफ/सेना का जवान बताते हुए पीड़ित का विश्वास जीता और फर्जी आधार कार्ड एवं पहचान पत्र व्हाट्सएप पर साझा किए। इसके बाद अभियुक्त ने पीड़ित को यह कहकर भ्रमित किया कि सेना/पैरामिलिट्री के नियमों के अनुसार मकान किराए पर लेने से पहले अग्रिम राशि मकान मालिक द्वारा भी जमा करानी होती है।इस झांसे में आकर पीड़ित ने विभिन्न बैंक खातों में कुल ₹12,46,000/- की राशि ट्रांसफर कर दी। ।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पैतृक निवास कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर (राजस्थान) से करीब 300 किलोमीटर दूर जयपुर के खोह नागोरिया क्षेत्र में छिपकर रह रहा था। इसी दौरान वह गुप्त रूप से अपने साथियों के संपर्क में रहकर विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों को अंजाम देता आ रहा था।अभियुक्त ने यह भी खुलासा किया कि वह लगातार फर्जी पहचान पत्रों, अलग-अलग मोबाइल नंबरों एवं विभिन्न बैंक खातों का प्रयोग करके धोखाधड़ी करता था, जिससे पीड़ितों को ठगा जा सके और पुलिस की पकड़ से दूर रहा जा सके।उसके द्वारा बनाए गए संपर्क नेटवर्क और तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल कर कई व्यक्तियों को ऑनलाइन निवेश एवं OLX जैसे प्लेटफार्म पर धोखाधड़ी के जाल में फंसाया गया।अभियुक्त के कब्जे से प्राप्त डाटा का विश्लेषण जारी है, जिससे उसके अन्य साथियों और नेटवर्क का भी पर्दाफाश होने की संभावना है।
*अभियुक्त व्यक्ति का नाम व पता* – शरीफ मोहम्मद पुत्र महबूब, निवासी कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर, राजस्थान
*बरामदगी-* 01 मोबाईल फोन
*पुलिस टीम-*
1- निरीक्षक विकास भारद्वाज
2- अपर उप निरीक्षक सुनील भट्ट
3- अपर उप निरीक्षक मनोज बेनीवाल
4- कानि0 हरेन्द्र भंण्डारी कानि0
5- कानि0 प्रशान्त चौहान
*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह* ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें, किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें, अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें । ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें ।तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करेंव शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।
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