सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने 127वीं प्रादेशिक सेना के 41वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में फौजियो से मुलाक़ात कर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं

 

देहरादून

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने 127वीं प्रादेशिक सेना के 41वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रादेशिक सेना मुख्यालय पहुँचकर फौजियो से मुलाक़ात की और स्थापना दिवस पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।


इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रादेशिक सेना की 127 एवं 130 पर्यावरण सेना बल के भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) के कल्याणार्थ उत्तराखण्ड सरकार पर बकाया ऋण को माफ करने या धनराशि को अनुदान राशि में परिवर्तित किए जाने के सम्बंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर मामले में अनुरोध किया है, जिसपर केंदीय मंत्री द्वारा सकारात्मक जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी रक्षा मंत्री से मिले थे।
मंत्री ने कहा 127 इको टास्क फोर्स ने स्थापना के बाद से ही गढ़वाल क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी रूप से कार्य किया। मसूरी परियोजना में पर्यावरण संरक्षण तथा माइन क्षेत्रो को हरा भरा करने के अतुलनीय योगदान हेतु यूनिट को सन 1992 में इन्दिरा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विगत 40 वर्षों में 127 ईको टास्क फोर्स नें उत्तराखण्ड राज्य के 1200 से अधिक भूतपूर्व सैनिकों को यूनिट में भर्ती करके टिहरी, चमोली, देहरादून तथा सीमान्त ग्रामों माणा तथा मलारी में लगभग 20.698 हैक्टेयर भूमि पर 1 करोड 98 लाख पौधों का रोपण किया । वर्तमान में इको टास्क फोर्स की कम्पनियों विभिन्न परियोजना क्षेत्रों लखवाड़ तथा कुरूड में कार्यरत हैं जोकि अब कमशः सहिया तथा यमकेश्वर ब्लॉक में स्थानान्तरित होनें जा रही हैं।
इसके साथ ही मंत्री जोशी ने वर्तमान में चल रहे परियोजनाओं के सुचारू संचालन के लिए में 127 ईको टास्क फोर्स को 2 बोलेरो पिकअप ट्रक प्रदान करने की घोषणा की और उत्तराखण्ड राज्य के पर्यावरण हित के लिए प्रादेशिक सेना निदेशालय को पत्र लिखकर ईको टास्क फोर्स में रिक्त पदो को भरने के लिए जल्द ही भर्ती प्रक्रिया की बहाली की जायेगी। इस अवसर पर उन्होंने बड़ाखाने का भी आनंद लिया।
इस अवसर पर कमान अधिकारी रोहित,श्रीवास्तव सूबेदार मेजर जय नंद, लेफ्टिनेंट कर्नल पंकज खुराना, लेफ्टिनेंट कर्नल हरि कुगा, मेजर वैभव रंजन धर्मगुरु सूबेदार मोहन चंद्र सहित कई लोग उपस्थित रहे

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