स्प्यूरियस दवा माफिया पर सख्त नजर
इस अभियान के तहत प्रदेशभर में स्प्यूरियस दवा माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। नकली (Spurious), अधोमानक (Substandard), मिसब्रांडेड (Misbranded) और मादक औषधियों का निर्माण, भंडारण और विक्रय करने वालों पर निगरानी, औषधि निर्माता फर्मों, थोक विक्रेताओं, फुटकर विक्रेताओं एवं कच्चा माल आपूर्तिकर्ता फर्मों की विस्तृत जाँच, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सहयोग से संयुक्त छापेमारी की जायेगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा इस अभियान का स्पष्ट संदेश है कि जो भी व्यक्ति या संस्था नकली या नशीली औषधियों के व्यापार में लिप्त पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
QRT टीम अभियान की अग्रिम पंक्ति में
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने इस कार्यवाही हेतु विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) गठित की है, जिसका नेतृत्व सहायक औषधि नियंत्रक, कुमाऊं मंडल श्री हेमंत सिंह कर रहे हैं। टीम में डॉ सुधीर कुमार सहायक औषधि नियंत्रक मुख्यालय, नीरज कुमार वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मुख्यालय, मीनाक्षी बिष्ट वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नैनीताल, सीपी नेगी वरिष्ठ औषधि निरीक्षक टिहरी, अनिता भारती वरिष्ठ औषधि निरीक्षक हरिद्वार, मानवेन्द्र सिंह राणा औषधि निरीक्षक देहरादून, निशा रावत औषधि निरीक्षक मुख्यालय, गौरी कुकरेती औषधि निरीक्षक मुख्यालय शामिल हैं। यह टीम प्रदेश भर में छापेमारी व सघन निगरानी अभियान चलाएगी। डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया QRT को विश्लेषणशाला की रिपोर्ट, जिला प्रशासन से प्राप्त सूचना और टोल फ्री हेल्पलाइन से मिली जानकारियों पर तत्काल कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है।
राज्य के औषधि निरीक्षण ढाँचे को सशक्त किया गया
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया प्रदेश के सभी जिलों को औषधि निरीक्षण कार्य हेतु दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
श्रेणी-1 जिले – देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर, पौड़ी
श्रेणी-2 जिले – अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत आदि
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया प्रत्येक जिले में निरीक्षण और सैंपलिंग की प्रक्रिया साप्ताहिक रिपोर्टिंग के साथ चलाई जा रही है। भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा, प्रवेश द्वारों धारचूला, झूलाघाट, टनकपुर, बनबसा, खटीमा के साथ ही राज्य की सीमाओं पर विशेष निगरानी लगाई गई है।
नमूनों की वैज्ञानिक जांच और सशक्त विश्लेषण प्रणाली
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया राज्य की औषधि विश्लेषणशालाओं को आधुनिक संसाधनों और प्रशिक्षित मानवबल से सुसज्जित किया गया है। प्रत्येक सप्ताह जिलों से प्राप्त संदिग्ध औषधियों के नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि एक भी नकली दवा उपभोक्ता तक न पहुँचे। डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा हर रिपोर्ट पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जन जागरूकता और भागीदारी
डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा अभियान का दूसरा पहलू जन जागरूकता है। राज्य में विभिन्न माध्यमों से नशा विरोधी अभियान चलाया जा रहा है विद्यालयों में नशा मुक्ति शिक्षा, मेडिकल स्टोर्स पर औषधियों की वैधता की जाँच,रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया व पोस्टर अभियानों के माध्यम से प्रचार, NGO व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सक्रिय सहभागिता, सुनिश्चित की जाएगी।
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