हरिद्वार: एसएमजेएन पीजी कॉलेज में शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के तहत मीटिंग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील बत्रा ने की
उन्होंने कहा कि पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉण् रमेश पोखरियाल निशंक का राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करवाने में अहम योगदान रहा है। हरिद्वार से सांसद होने के कारण नयी शिक्षा नीति में हरिद्वार की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सर्वप्रथम नयी शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री डॉण् धन सिंह रावत बधाई के पात्र हैं।
डॉ बत्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर आधारित है। इसमें रोजगारपरक वोकेशनल पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। छात्र.छात्राएं नयी शिक्षा नीति के तहत मल्टीपल एंट्री और एग्जिट करने का विकल्प भी रखा गया है। विद्यार्थी प्रत्येक वर्ष के पश्चात ब्रेक ले सकता है। इससे विद्यार्थी एक साथ दो संकायों के विषयों की पढ़ाई कर सकता है और तीन साल की डिग्री की बाध्यता का बन्धन भी अब नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष महाविद्यालय में सभी प्रथम वर्ष के प्रवेश नयी शिक्षा नीति के तहत च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर आधारित होंगे। प्रथम वर्ष के दोनों सेमेस्टर उत्तीर्ण करने एवं 46 क्रेडिट मिलने पर विधार्थी सर्टिफिकेट का अधिकारी हो जायेगा। द्वितीय वर्ष के दोनों सेमेस्टर एवं 46 क्रेडिट से उत्तीर्ण करने की अवस्था में उसे डिप्लोमा दिया जायेगा तथा तृतीय वर्ष के दोनों सेमेस्टर तथा कुल 140 क्रेडिट से उत्तीर्ण करने पर उसे स्नातक की डिग्री मिलेगी। इसके उपरांत विद्यार्थी परास्नातक के लिए अपने नामांकन को जारी रख सकता है। नयी शिक्षा नीति के द्वारा एकेडमिक एवं उद्योग के मध्य अन्तराल को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
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