देहरादून
संत निरंकारी मिशन द्वारा अमृत परियोजना के अंतर्गत स्वच्छ जल स्वच्छ मन जन जागरूकता अभियान में निरंकारी भक्तों ने टपकेश्वर महादेव मंदिर तमसा नदी से कई कुंतल कचरा साफ करके चमकाया l
इस अभियान में मंदिर के महंत श्री दिगंबर भरत गिरी जी महाराज एवं हरीश चंद्र सेमवाल सचिव संस्कृति मंत्रालय उत्तराखंड वह पदम सिंह थापा अध्यक्ष गोरखाली सुधार सभा का जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह जी स्थानीय संयोजक नरेश वीरमानी संचालक मनजीत सिंह ने बुका देकर हार्दिक स्वागत किया सभी ने अपने उद्गार रखें और निरंकारी मिशन की भूरी भूरी प्रशंसा की हरभजन सिंह ने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का जन्म दिन 23 फरवरी को निरंकारी भक्त मनाया करते हैं कुछ वर्ष पहले बाबा जी ने कहा कि अब दास के जन्म दिन को पूरे विश्व में सफाई अभियान करके मनाए, और कहा कि प्रदूषण बाहर का हो या अंदर का दोनों ही हानिकारक है I
आज वर्तमान निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज वा राज पिता रमित चांदना जी के भरपूर आशीर्वाद से पूरे भारतवर्ष में लगभग 1100 स्थानों के 730 शहरों 27 राज्यों में यह अभियान चलाया गया I
इसी श्रृंखला में उत्तराखंड राज्य के 19 स्थानों पर यह अभियान चला ज्ञात हो जहां स्वच्छ जल स्वच्छ मन सतगुरु माता जी का संदेश शरीर के लिए स्वच्छ जल और ब्रह्मज्ञान मन को स्वच्छ करता है, जो ब्रह्म ज्ञान निरंकारी मिशन प्रदान करता है I
सेवादल के भाई बहन एवं संतों का अच्छा खासा उत्साह देखा गया निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं राज पिता रमित चांदना जी की गरिमामयी उपस्थित मे दिल्ली यमुना नदी पर भी आयोजन चलाया गया I
आजादी के 75वें ‘अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान् में सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन कर कमलों द्वारा आज प्रातः 8.00 बजे ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का शुभारम्भ यमुना छठ घाट (आई. टी. ओ.) से किया गया। इसके साथ ही सत्गुरु माता जी के पावन आशीर्वाद से यह परियोजना समूचे भारतवर्ष के 1100 से अधिक स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में विशाल रूप से एक साथ आयोजित की गई।
बाबा हरदेव सिंह जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए संत निरंकारी मिशन द्वारा निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य निर्देशन में ‘अमृत परियोजना’ का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन के सभी अधिकारीगण, केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के मंत्री, गणमान्य अतिथि तथा हजारों की संख्या में स्वयंसेवक और सेवादल के सदस्य सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संत निरंकारी मिशन की वेबसाईट के माध्यम से किया गया जिसका लाभ देश एवं विदेशों में बैठे सभी श्रद्धालुओं एवं निरंकारी भक्तों ने प्राप्त किया।
इस परियोजना का शुभारम्भ करते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परमात्मा ने हमे यह जो अमृत रूपी जल दिया है तो हम सभी का कर्त्वय बनता है कि हम सब उसकी उसी तरह संभाल करे। स्वच्छ जल के साथ साथ मनों का भी स्वच्छ होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इसी भाव के साथ हम संतो वाला जीवन जीते हुए सभी के लिये परोपकार का ही कार्य करते है।
संत निरंकारी मण्डल के सचिव जोगिन्दर सुखीजा ने विस्तृत जानकारी दी कि ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत दिल्ली एवं ग्रेटर दिल्ली के लगभग सभी क्षेत्रों की स्वच्छता की गई जिनमें अशोक विहार का संजय झील, कैनल सोर यमुना, दिल्ली का आई. टी. ओ. छट घाट, दिल्ली के निगम बोध घाट, भलस्वा झील, यमुना का सुर घाट, यमुना का राम घाट, दिल्ली का कालिंदी कुंज घाट इत्यादि स्थान प्रमुख है। इसके अतिरिक्त ग्रेटर दिल्ली से मुख्यतः ब्रजघाट गढ़, मुक्तेश्वर गंगा, सूरजपुर, गाजियाबाद का हिण्डन घाट, मण्डोरा तालाब, संकहोल गांव, गुरूग्राम के सोहना रोड पर स्थित दम दमा झील, सोनीपत का गोरीपुर, अशानध रोड नदी इत्यादि की स्वच्छता सभी स्वयंसेवको द्वारा पूरे उत्साह के साथ की गई।
इस कार्यक्रम की प्रबंध व्यवस्था बहुत ही उत्तम रूप से की गई जिसमें सभी सेवादारों एवं आंगतुको के बैठने, जलपान, पार्किंग, मेडिकल इत्यादि का समुचित प्रबंध किया गया। अमृत प्रोजेक्ट के मध्य सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत विभिन्न जल निकायों हेतु समूचे देश में दिये गये दिशा निर्देशों का उचित रूप से पालन किया गया जिसमे रेड ज़ोन सभी के लिए पूर्णतः वर्जित था। कार्यक्रम का मुख्य स्थल येलो ज़ोन था और इसके अतिरिक्त ग्रीन ज़ोन में सुरक्षा हेतु महिलाओं एवं बालको के प्रवेश की अनुमति दी गयी।
इस परियोजना में अधिक से अधिक युवाओं का सक्रिय योगदान रहा। कार्यक्रम के मध्य केवल पर्यावरण अनुकूल उपकरणों का ही प्रयोग किया गया। प्लॉस्टिक की बोतलों, थर्माकॉल इत्यादि का प्रयोग सभी के लिए पूर्णतः वर्जित था।
कार्यक्रम के समापन पर सम्मिलित हुए अतिथि गणों ने मिशन की भूरी भूरी प्रशंसा की और साथ ही निरंकारी सत्गुरु माता जी का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मिशन ने जल संकट से बचाव हेतु ‘जल संरक्षण’ एवं ‘जल निकायो’ की स्वच्छता जैसी इस कल्याणकारी परियोजनाओं को क्रियान्वित स्वरूप दिया है जो निश्चित रूप से समाज के उत्थान हेतु एक अहम कदम है। संत निरंकारी मिशन समय समय पर ऐसी ही अनेक परियोजनाओं में सक्रिय रूप से सम्मिलित रहा हैै जिनमें विशेषतः पर्यावरण संरक्षण हेतु ‘वननेस वन परियोजना’ और उसके उपरांत जल संरक्षण हेतु ‘अमृत प्रोजेक्ट’ प्रमुख है।
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