देहरादून
मुख्यमंत्री ने चंपावत में विज्ञान केंद्र के शिलान्यास की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह विज्ञान केंद्र हमारे आदर्श चंपावत के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट राज्य बने इसके लिए हम निरंतर कार्य कर रहे हैं तथा राज्य में विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार के प्रचार-प्रसार हेतु राज्य की नोडल संस्था, यूकॉस्ट के माध्यम से लगातार कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान, विकास का मूल आधार है तथा विज्ञान, संवेदनशील तरीकों से समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि चम्पावत का विज्ञान केन्द्र राज्य में देहरादून, अल्मोड़ा के बाद तीसरा विज्ञान केंद्र होने जा रहा है तथा देश की 5वीं साइंस सिटी, देहरादून में बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में अल्मोड़ा में बने मानसखण्ड विज्ञान केन्द्र का लोकापर्ण किया गया है तथा आज, लंबे समय से चम्पावत में विज्ञान केंद्र की स्थापना की जो मांग थी, वह पूरी हो रही है और यह शिलान्यास समारोह चम्पावत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि विज्ञान केंद्र के माध्यम से चम्पावत ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऊँची छलाँग लगाई है, जिसका गुणात्मक प्रभाव हम सबको शीघ्र दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में हमारा देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है तथा भारत की नेतृत्व क्षमता को पूरे विश्व ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच और नवाचारी प्रवृति से ही देश एवं राज्य में विकास की रफ्तार तेज होगी। राष्ट्रीय स्तर की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में आम जनमानस की भागीदारी सुनिश्चित करने में विज्ञान केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) राज्य के 95 विकासखंडो में स्टेम लैब को स्थापित करने हेतु प्रयासरत है। इसके प्रथम चरण में राज्य के सीमांत जनपदों सहित देहरादून में यूकॉस्ट द्वारा विकास खंडो में स्टेम लैब स्थापित करके राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है तथा अगले चरण में स्टेम लैब प्रदेश के सभी ब्लाकों में स्थापित किये जाएगे। बजट सत्र में राज्य के सभी जिलों में विज्ञान केन्द्र बनाने के लिए बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व नवाचार पर उत्कृष्ट कार्य किए जाने पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत और उनकी टीम को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा विज्ञान केन्द्र राज्य के छात्र-छात्राओं, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के लिए उत्साह और उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नशा मुक्ति केंद्र का शुभारम्भ करते हुए युवाओं से प्रत्येक नशे से दूर रहने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में सांसद अजय टम्टा ने प्रतिभाग करते हुये कहा कि चम्पावत कुमाऊं की राजधानी रही है। उन्होंने कहा कि चम्पावत में विज्ञान केन्द्र के खुलने से बच्चों के मानसिक विकास में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी, क्योंकि किसी भी कार्य की प्रवीणता के लिये प्रैक्टिल की बहुत बड़ी भूमिका होती है तथा निश्चित ही यहां के बच्चों को इस विज्ञान केन्द्र के संचालित होने पर काफी बड़ा फायदा होगा। उन्होंने विज्ञान केन्द्र की विशेषताओं का उल्लेख करते हुये बताया कि इस विज्ञान केन्द्र में कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अत्याधुनिक इंटरैक्टिव गैलरी, फन साइंस पर इण्टरैक्टिव और सहभागी प्रदर्शनी, अन्तरिक्ष एवं खगोल विज्ञान पर इमर्सिव प्रदर्शन, डिजिटल तारामण्डल, साइंस पार्क आदि की सुविधायें होंगी, जिससे इस क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्यागिकी के लोकव्यापीकरण तथा विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर0के0 सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, विशेष सचिव डॉ0 पराग मधुकर धकाते महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
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