नगर निगम के रिकार्ड रूम के ताले तोड़कर फाइलों की चोरी, नालों-खालों और विवादित संपत्तियों को खुर्द-बुर्द करने के लिए रची गई रिकॉर्ड गायब करने की साजिश  

देहरादून

देहरादून नगर निगम में अक्सर विवाद के मामले आते रहे हैं। लेकिन इस बार एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने निगम प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
राजधानी के बीचोबीच और तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं के बावजूद नगर निगम के रिकॉर्ड रूम से फाइलें चोरी हो गई हैं। निगम में विवादित जमीनों के फाइल चोरी हो होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में मेयर सुनील उनियाल गामा और मुख्य नगर अधिकारी मनुज गोयल ने जांच के आदेश दिए हैं। आपको बता दें कि नगर निगम के रिकार्ड रूम से करोड़ों रुपये की प्रापर्टी और विवादित जमीनों की फाइलें गायब होना अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। बीते दिनों रिकार्ड रूम के ताले को तोड़कर फाइलों की चोरी की गई है। हालांकि अनुभाग में 8 कर्मचारी ड्यूटी पर रहते हैं और 24 घंटे सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहता है और चोरी की इस घटना से निगम प्रशासन के सुरक्षा व्यवस्था की पूरी तरह से पोल खुल गई है। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस ने अपनी छानबीन शुरू कर दी है और मेयर सुनील उनियाल गामा तथा मुख्य नगर अधिकारी ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं और जांच शुरू हो गई है। मेयर ने ये भी बताया कि सभी रजिस्टरों की स्कैन कॉपी निगम के पास है।

सुनील उनियाल गामा, मेयर

मनुज गोयल, मुख्य नगर अधिकारी

वही नगर निगम के रिकॉर्ड रूम से करोड़ों रुपये की जमीनों के दाखिल खारिज के रजिस्टर गायब होने के पीछे बड़ी साजिश बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार यह साजिश इसलिए रची गई है। ताकि नगर निगम की कब्जाई जमीनों को खुर्द-बुर्द किया जा सके और इसके माध्यम से ब्लैकमेलिंग की जा सके। हालांकि निगम का साफ कहना है कि उनके पास सभी गायब रजिस्टरों की स्कैन कॉपी है। उधर, पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दरअसल, कुछ दिन पहले नगर निगम के रिकॉर्ड रूम की खिड़की तोड़कर दाखिल खारिज के रजिस्टर चोरी हो गए थे। जिन क्षेत्रों के रजिस्टर चोरी हुए हैं, उनमें चुक्खूवाला, रेसकोर्स, प्रथम, द्वितीय, चंदरनगर नई बस्ती, त्यागी रोड, गोविंदनगर, इंद्रेशनगर शिवाजी मार्ग, नेशविला रोड, चौधरी बिहारी लाल मार्ग प्रथम, द्वितीय, सेवक आश्रम रोड, अरविंद मार्ग, डीएवी कॉलेज रोड, नई बस्ती आंबेडकर एक और दो शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार यहां नालों-खालों पर बड़ी संख्या में कब्जा है। यहां निगम की जमीन पर बड़े-बडे़ भवन, कॉम्पलेक्स खड़े हो गए हैं। वहीं इन क्षेत्रों में करोड़ों बीघा बैनामी संपत्ति है। यही नहीं इन क्षेत्रों में निगम की कई ऐसी जमीनें हैं, जो विवादित हैं और प्रकरण कोर्ट में चल रहा है।
उधर, इस मामले में पुलिस का कहना है कि अभी जांच की जा रही है स्टोर रूप में 8 कर्मचारी काम करते हैं। सभी से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है। चूंकि घटना कब हुई यह स्पष्ट नहीं है, इसलिए शनिवार से लेकर सोमवार तक के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

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