किसी चुनौती से कम नहीं है पुलिस के लिये कांवड़ यात्रा।

देहरादून

फोर्स की कमी के जूझ रही दून पुलिस के लिए कांवड़ यात्रा किसी चुनौती से कम नहीं है। चारधाम यात्रा के बाद जिले से अधिकतर फोर्स ऋषिकेश व हरिद्वार भेजी गई है। ऐसे में जिले के थानों में फोर्स की कमी चल रही है। कांवड़ यात्रा का कुछ रूट देहरादून से भी होता है। ऐसे में व्यवस्था को संभालना पुलिस के लिए चुनौती भरा है।
देहरादून में पौराणिक टपकेश्वर मंदिर होने के चलते काफी मात्रा में कांवड़ यात्री यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं। इसके अलावा कई कांवड़ यात्री ऐसे भी हैं जो हरिद्वार से देहरादून का रुख करते हैं और यहां से मसूरी व अन्य पर्यटक स्थलों पर घूमने जाते हैं। ऐसे में पुलिस के लिए यातायात की समस्या हल करना चुनौती भरा रहेगा।
डीआइजी गढ़वाल परिक्षेत्र की ओर से 10 निरीक्षक, 35 दारोगा, 41 महिला दारोगा, 30 हेड कांस्टेबल, 170 कांस्टेबल, 55 महिला कांस्टेबल, दो निरीक्षक यातायात, चार उपनिरीक्षक, सात हेड कांस्टेबल और 20 कांस्टेबल यातायात ड्यूटी में नीलकंठ व हरिद्वार में लगाए गए हैं। इस कारण दून जिले में फोर्स की कमी है।
मसूरी में कांवड़ यात्रियों पर प्रतिबंध

पुलिस उप महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल ने बताया कि कांवड़ यात्रियों के लिए मसूरी जाना प्रतिबंधित किया गया है। हरिद्वार व नीलकंठ में कांवड़ यात्रियों की संख्या अधिक होने के चलते वहां पर सभी जिलों से फोर्स भेजी गई है। अब जिले में जो फोर्स होगा उसी से काम चलाना होगा।

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