देहरादून,,,
जहां एक ओर प्रदेश सरकार बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए नयी-नयी योजनाएं ला रही है । प्रदेश का बाल आयोग भी बच्चों के भविष्य को लेकर संजीदा है और इसी को लेकर बाल मजदूरी कर रहे लोगों पर समय समय पर शिकंजा भी कसा जाता है समय समय पर होटल ढाबों पर छापेमारी की कार्यवाही कर लोगों को दंडित भी किया जाता है लेकिन लोग है कि बच्चों से बाल मजदूरी कगकर बाल श्रम कानूनों का उल्लंघन तो कर ही रहे है वही सरकार के प्रयासों पर पलीता लगा रहे है। वार्ड 34 गोविंद गढ़ ,शांति विहार में भी आज सुबह दो बच्चे घरों से कूड़ा उठाते दिखे। बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने भी बड़ी मासूमियत से बोला कि इसके लिए उन्हें कुछ पैसे मिल जाते है।
आखिर कौन लोग है जो इनसे मजदूरी कर रहे है। क्या उन्हें बाल मजदूरी को लेकर बनाये कानून का कोई डर नही है। प्रशासन को चाहिए ऐसे लोगों पर सख्त कार्यवाही कर जोकि इन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। सबसे पहले तो नगर निगम की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों से कूड़ा उठवा रहे लोगों पर सख्त कार्यवाही करें।
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