व्यासी परियोजना के अंतर्गत ग्राम लोहारी हुआ जलमग्न, राष्ट्र हित के लिए ग्रामीणों ने अपनी धरोहर,सभ्यता, अपनों की यादों का किया बलिदान।

विकास नगर 

व्यासी परियोजना 120 मेगा वाट के अंतर्गत आने वाले कालसी क्षेत्र के ग्राम लोहारी आज जलमग्न हो गया वर्ष 1972 से परियोजना का कार्य प्रारंभ हुआ था परंतु वर्ष 1998 में परियोजना का कार्य को रोक दिया गया था उत्तराखंड बनने के बाद जब वर्ष 2012 – 13 में दोबारा इस परियोजना का काम शुरू हुआ और लगभग वर्ष 2022 कार्य पूर्ण हो गया| उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले इस परियोजना का लोकार्पण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा वर्चुअल किया गया| इस परियोजना से उत्तराखंड सरकार को अच्छा राजस्व मिलेगा व विकास भी बढ़ेगा परंतु लोहारी क्षेत्र के लोगों को अपने मुआवजा को लेकर आज भी असंतुष्ट है| ग्राम वासियों का कहना है कि हमें जमीन के बदले जमीन दी जानी चाहिए जिसके लिए ग्रामीणों ने काफी संघर्ष भी किया | परंतु शासन प्रशासन की मानें तो उनकी तरफ से मुआवजा सभी को दे दिया गया है| गांव खाली करने के लिए कुछ दिन पूर्व 48 घंटे का नोटिस भी चस्पा किया गया था, ग्रामीणों ने नोटिस के उपरांत अपने घरों को स्वयं ही खाली करने शुरू कर दिया था|

आज जब डैम का पानी गांव के अंदर घुसा तो लोहारी गांव जलमग्न हो गया ग्रामीणों के आंसू झलके के ग्रामीण गांव के किनारे बने विद्यालय की पुरानी इमारत में रहने को मजबूर हैं आज से लोहारी गांव जलमग्न होने से यहां की ग्रामीण बड़े ही दुखी है | उनके आंसू बयान कर रहे हैं की उनकी पुश्तैनी धरोहर रिती रिवाज त्यौहार खेत खलियान जोकि इस गांव से जुड़ी तमाम वो यादें आज जलमग्न हो गई है| राष्ट्रीय हित के लिए किसी को अपनी धरोहर अपनी सभ्यता अपनों की यादों का बलिदान करना पड़ता है यह आज लोहारी गांव को देखकर महसूस किया जा सकता है

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