जंगली जानवरों को मेला क्षेत्र में आने से रोकने के लिए मुस्तैद रहेगी वन विभाग की 20 टीमें, गुलदार,हाथी जैसे जानवरो को किया जाएगा ट्रेंकुलाइज।

हरिद्वार

कांवड़ यात्रा के दौरान मेला क्षेत्र में जंगली जानवरों के घुसने का डर रहता है। इसे देखते हुए वन विभाग की ओर से वन कर्मचारियों की 20 टीमों का गठन किया है। वहीं जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कांवड़ यात्रा तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में कहा कि यात्रा की तैयारियों में किसी तरह की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जाएगी।
कांवड़ मेला क्षेत्र में जंगली जानवरों को आने से रोकने के लिए वन विभाग की 20 टीमें तैनात दी जाएंगी। यदि कोई जंगली जानवर मेला क्षेत्र में आता है तो उसको पकड़ने के लिए बेहोश किया जाएगा। इसके लिए कर्मचारी ट्रेंकुलाइजर के साथ ड्यूटी करेंगे। कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली वन चौकियों पर भी पेयजल की व्यवस्था रहेगी।
कांवड़ यात्रा के दौरान मेला क्षेत्र में जंगली जानवरों के घुसने का भी डर रहता है। जिसको देखते हुए वन विभाग भी तैयारी में जुटा है। इसके लिए वन विभाग की ओर से वन कर्मचारियों की 20 टीमों का गठन किया है। एक टीम में 3 से 4 सदस्यों को रखा गया है। ये टीमें कांवड़ मेला क्षेत्र से लेकर कांवड़ यात्रा मार्ग पर गश्त करेंगी।
टीम कांवड़ यात्रा के दौरान आने वाले सांप, अजगर को रेस्क्यू करने से लेकर जंगली जानवरों को कांवड़ मेले में आने से रोकने के लिए काम करेंगी। गुलदार और हाथी जैसे जानवर यदि कांवड़ मेला क्षेत्र में आते हैं तो उन्हें ट्रेंकुलाइज किया जाएगा। डीएफओ दीपक सिंह ने बताया कि कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए वन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। इसके लिए गश्त टीमों काम गठन कर दिया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वन टीमें कांवड़ मेला क्षेत्र में रहकर सतर्कता के साथ काम करेंगी।

वहीं जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कांवड़ यात्रा तैयारियों को लेकर अपने कैंप कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अब तक की विभागवार प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यात्रा की तैयारियों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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