देहरादून
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल की तरह इस बार भी कार्तिक महीने में भगवान केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने पहुंचे। हर साल इस महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे अधिक मंदिरों में माथा टेकते हैं। आखिरकार ऐसी कौन सी आराधना पूजा अनुष्ठान है जो सिर्फ इसी महीने हो सकती है। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्य डॉक्टर प्रतीक मिस्र पुरी ने दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह हैं जो उन्हें इस महीने में शिव और शक्ति के करीब ले आते हैं। बीते कई सालों का अगर इतिहास उठाकर देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्तिक मास में देश के अन्य अन्य शिवालयों में और माता के मंदिरों में जाते रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में वृषभ लग्न है ऐसे जातक भगवान शिव और शक्ति के उपासक होते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ प्रतीक मिस्र पुरी बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और उनका बॉडी लैंग्वेज बताता है कि उनका अनहट चक्र खुला हुआ है। इसके साथ ही आज्ञा चक्र भी खुला हुआ है ऐसे बहुत कम व्यक्ति होते हैं इसको आंखों या यह कहें दोनों आइब्रो के बीच का जो स्थान चेतना स्थान भी कहा जाता है जिससे ध्यान लगाया जाता है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुला हुआ है उनकी तस्वीरें उनकी वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है।
डॉ प्रतीक मिश्रा बताते हैं कि ज्योतिष गणना में चेहरे को देखकर आंखों को देखकर भी व्यक्ति के बारे में बताया जा सकता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखकर यह साफ जाहिर होता है कि उनका आज्ञा चक्र इतना खुला हुआ है कि अगर वह किसी व्यक्ति को कोई आदेश कर दें तो उनके आदेश का वह व्यक्ति पालन करने पर मजबूर हो जाएगा। वो कहते हैं कि यह आज्ञा चक्र बहुत ही कम लोगों के खुलते हैं और ऐसा व्यक्ति धर्म-कर्म में बेहद विश्वास रखता है इतना ही नहीं दीपावली को पूजा अनुष्ठान धन्य धन्य के लिए सबसे उचित समय माना गया है।
ऐसा व्यक्ति अगर इन 5 दिनों में किसी भी मंदिर में भले ही वह शिव के मंदिर हो या शक्ति के मंदिर में माथा टेक कर वहां पर पूजा-अर्चना करता है तो उसे मन मांगी मुराद पूरी होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह मालूम है कि कौन से दिनों में इस स्थान पर जा कर पूजा करनी चाहिए बीते कई सालों से हमने देखा है कि प्रधानमंत्री मोदी इन 5 दिनों में या तो उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड या फिर देश के किसी भी बड़े मंदिर में पूजा अर्चना जरूर करते हैं।
डॉ प्रतीक मिस्र पुरी बताते हैं कि 5 दिन छोटी दीपावली नरक चतुर्दशी से लेकर बड़ी दीपावली भैया दूज और गोवर्धन पूजा के बीच का समय पूजा अर्चना के लिए बेहद खास माना जाता है ऐसे दिनो में जो कोई भी सिद्ध स्थानों पर जा कर पूजा करता है उस पर भगवान विशेष रूप से कृपा बरसाते हैं प्रधानमंत्री मोदी यहां पर आकर विशेष तरह की पूजा करेंगे वह कहते हैं कि केदारनाथ एक ऐसा स्थान है जिसकी महिमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश का हर व्यक्ति जो वहां पर जाकर माथा टेक चुका है वह जानता है देवों के देव महादेव इस स्थान पर साक्षात विराजमान रहते हैं।
उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और आध्यात्मिक गुरु सतपाल महाराज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस धार्मिक यात्रा को बेहद खास बता रहे हैं। सतपाल महाराज कहते हैं कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड आ रहे हो वह पहले भी केदारनाथ मंदिर में दर्शन करके ध्यान लगा चुके हैं। केदार बाबा बद्रीनाथ और उत्तराखंड की पावन भूमि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गहरा लगाव है और यही कारण है दीपावली छोटी दीपावली और धनतेरस जैसे मौके पर जब पूरा देश अपने घर अपने शहर मैं रह कर पूजा अर्चना और त्यौहार को मनाता है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान केदारनाथ बद्रीनाथ जैसे स्थान पर पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं सतपाल महाराज कहते हैं उत्तराखंड का सौभाग्य है और उनके इस दौरे की पूरी तैयारी राज्य सरकार द्वारा कर ली गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमनाथ की धरती से आते हैं इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी से चुनाव लड़ के भी अपनी शिव भक्ति जाहिर की नरेंद्र मोदी पीएम बनने के बाद 5 बार भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए आ चुके हैं उत्तराखंड में आने के बाद बाबा केदार के दर्शन और उनसे जुड़ी किस्से कहानियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कई बयानों में सुनाते रहे हैं पीएम मोदी का भगवान शिव से किस तरह का नाता है यह हम सबको पता है कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो देश में सबसे ज्यादा बार केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं पीएम का यह केदारनाथ में छठा दौरा है जबकि इससे पहले इंदिरा गांधी दो बार केदारनाथ के दर्शन कर चुकी हैं।
सीएम से लेकर पीएम रहते यहाँ यहाँ माथा टेक चुके है नरेंद्र मोदी..….
– केदारनाथ के अलावा देश के अन्य शिव और शक्ति के मंदिरों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार एक भक्त बन कर माथा टेक चुके हैं।
– 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 अगस्त के दिन नेपाल की यात्रा पर थे इस दौरान पीएम मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की थी।
– इसके बाद 2017 में शिवरात्रि के पावन मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोयंबटूर मैं बनी भगवान शिव की 112 फुट की ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने गए थे।
– 2017 में मार्च महीने में गुजरात गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमनाथ मंदिर में आरती पूजा अर्चना और अनुष्ठान में हिस्सा लेकर दिल्ली लौटे थे
– इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी 2014 में भी पीएम बनने के बाद सोमनाथ मंदिर में दर्शन कर चुके थे
– 2017 में ही उत्तर प्रदेश में जब अंतिम चरण का चुनाव था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने के लिए पहुंचे थे
– वहीं अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भुवनेश्वर के सबसे बड़े शिव मंदिरों में से एक लिंगराज मंदिर की पूजा अर्चना में पहुंचे थे कहा जाता है कि इस मंदिर में पार्वती और शिव दोनों ही साक्षात रूप में विराजते हैं- इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब भी साल 2011 में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे थे यहां पर उन्होंने लगभग 2 घंटे से अधिक भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया था।
– ऐसा नहीं है कि पीएम सिर्फ शिव के उपासक हैं साल 2016 में पीएम बनने के बाद असम में प्रसिद्ध मंदिर कामाख्या देवी के मंदिर में माथा टेक चुके हैं और यहीं से उन्होंने 2016 असम विधानसभा चुनावों की शुरुआत की थी।
– इसके साथ ही 2014 में वह माता वैष्णो देवी के मंदिर में माथा टेकने के लिए पहुंचे थे 2017 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह वेंकटेश मंदिर में पूजा अर्चना कर चुके हैं।
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