राजधानी दून में फिर से चरमराया एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत का कार्य, हजारों से ज्यादा शिकायतें पड़ी है पेंडिंग, सवालों के घेरे में है जिम्मेदार EESL कम्पनी, नगर आयुक्त के प्रयासों के बाद भी नही सुधरी EESL, पार्षदों और स्थानीय जनता में भारी आक्रोश

देहरादून

नगर निगम के 100 वार्डों में एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत का कार्य एक बार फिर से चरमरा गया है। अधिकांश वार्डों में एलईडी लाइट के खराब होने से क्षेत्रों में अंधकार तो पसरा हुआ ही है वही स्थानीय लोगों में भी आक्रोश है। इस बाबत पार्षदों ने भी एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत का कार्य देख रही EESL कम्पनी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए है। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में लगभग हजारों से अधिक शिकायतें पेंडिंग पड़ी है , जिन्हें निस्तारण करने में कंपनी के पसीने छूट रहे है,हालांकि नगर निगम और EESL कम्पनी के लोग दावें जरूर कर रहे है कि सभी शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। इधर कुछ पार्षदों से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके वार्ड में अधिकांश एलईडी स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है जिसकी शिकायत उन्होंने नगर निगम के साथ ही लाइट की मरम्मत का कार्य देख रही EESL कंपनी से की है लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नही हो पाई है और अब वे नगर आयुक्त और मेयर से इसको लेकर मुलाकात भी करेंगे।
इधर शिकायत ये भी है कि जो कम्पनी एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत का कार्य देख रही है उनके कर्मचारी कार्य करने में सकुशल ही नही है ,क्योंकि उनके कार्य मे बहुत शिकायत आ रही है,कुछ लोगों का कहना है कि कर्मचारी अगर लाइट दिन में जो लाइट ठीक भी कर जाते है तो शाम को वो जल ही नही रही है।
बता दे कि पूर्व में नगर निगम देहरादून मे EESL से अनुबंधित कंपनी के निकाले जाने के बाद नगर आयुक्त ने नगर वासियों को आश्वासन दिया था के EESL से मेंटेनेंस का कार्य ले लिया गया हैं अब नगर निगम देहरादून एलईडी स्ट्रीट लाइट की मेंटीनेंस का कार्य खुद करेगी, बकायदा शिकायतें ज्यादा आने पर निगम की ओर से ये भी तर्क दिया गया था कि EESL को नोटिस जारी करने के साथ ही ब्लैक लिस्ट किया जाएगा, लेकिन अब फिर से पुरानी कहानी दोहराई जा रही हैं, फिर से EESL को कार्य दे दिया हैं ,EESL ही एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत का कार्य करा रही है और वो देहरादून में मेंटीनेंस का कार्य करने में फेल हो गई हैं। नगर आयुक्त के सारे प्रयासों के बाद भी EESL अपनी कार्यशैली को सुधार नही पा रही है।
अब सवाल ये है कि EESL बार- बार सवालों के घेरे में रही है उसके बावजूद नगर निगम EESL को ही कार्य करने का मौका दे रही है, जोकि विवादस्पद है, आखिर ऐसा क्या है कि नगर निगम EESL को बाहर का रास्ता नही दिखा पा रहा है या फिर खेल कुछ और ही है,,,,? जिसके कार्य मे इतनी शिकायतें है तो आखिर नगर निगम में ऐसा कौन है जो इस कम्पनी पर इतना मेहरबान है कि इनकी कारगुजारियों पर पर्दा डाल हुए है,,,,?

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