गढ़वाल के द्वार कोटद्वार तक पहुंची भू कानून की आंच, मूल निवास व भू कानून की मांग को लेकर हजारों की संख्या में महिलाओं व युवाओं ने निकाली महारैली

कोटद्वार

उत्तराखंड में भू आंदोलन की आंच गढ़वाल के द्वार कोटद्वार तक पहुंच चुकी है।मूल निवास,भू कानून समन्वय संघर्ष समिति उत्तराखंड के आवाहन पर कोटद्वार देवी मंदिर से महारैली शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए झण्डाचौक से मालवीय उद्यान तक पहुंची।संघर्ष समिति के तत्वावधान में मूल निवास व भू कानून की मांग को लेकर हजारों की संख्या में महिलाओं व युवाओं ने भाग लिया। वहीं संघर्ष समिति ने उपजिलाधिकारी सोहन सिंह के माध्यम से भू कानून व उत्तराखंड मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया।वही कुसुम लता पांडेय ने बताया की उत्तराखंड अस्तित्व से पहले उत्तर प्रदेश की सरकार में हमें मूल निवास प्रमाण दिया जाता रहा है उत्तराखंड राज्य गठन के उपरांत राज्य वासियों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।उत्तराखंड से विभाजित उत्तर प्रदेश के लोग उत्तराखंड का स्थायी निवास पत्र का लाभ ले रहे हैं।वहीं मूल निवास कानून व भू कानून की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थन में उतरी कांग्रेस महिला नेत्री ने कहा की उत्तराखंड के युवाओं अस्तित्व को बचाने के सरकार को सशक्त भू कानून व मूल निवास कानून को लागू करना चाहिए।

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