28 श्रद्धालुओं की मौत ने चारधाम व्यवस्था पर खड़े किए सवाल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की ली जा रही है मदद।

देहरादून

चारधाम यात्रा के शुरुआती चरण में आई दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा ठोस प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। एक तरफ जहां दो मंत्रियों को बद्रीनाथ एवं केदारनाथ जैसे बड़े धाम की जिम्मेदारी दी गई है तो दूसरी ओर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की भी मदद ली जा रही है।

उत्तराखंड ही नही देश की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा चारधाम के शुरू होते ही राज्य में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। यह तय था कि इस बार यात्रियों की सख्या बढ़ेगी लेकिन इस कदर बढ़ेगी इसका अंदाज किसी को नही था। ऊपर से 28 श्रद्धालुओं की मौत ने व्यवस्था पर और सवाल खड़े कर दिए। हांलाकि सूबे के मुख्य सचिव एसएस सन्धु कहते हैं जिन लोगों की मौत हुई वे बीमारी की वजह से मरे हैं। व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए खुद उनके स्तर पर लगातार बैठक की जा रही है और साथ मे दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं। राहत की बात यह है कि फिलहाल स्तिथि कंट्रोल में आ चुकी है और यात्रा सामान्य गति से चल रही है।

हाल फिलहाल में सरकार द्वारा यात्रा को सफ़ल और सुलभ बनाने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। जिसमे सुबह के समय तीन घण्टे और रात को दर्शन पूजन के लिए 2 घण्टे यानी कुल पांच धंटे का समय बढाया गया।रजिस्ट्रेशन में भी अब विशेष ध्यान दिया जा रहा ताकि धामो में लोगों की संख्या ज्यादे न बढ़ पाए। मुख्य सचिव की माने तो एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। आईटीबीपी से भी बात चल रही है जरूरत पड़ी तो उनसे भी सहयोग लिया जाएगा। चारधाम में डॉक्टरों की कमो को दूर करने के लिए राज्य के कई फिजिशियन को कार्डियक इलाज की ट्रेनिंग दी जा रही है। करीब दो सप्ताह की ट्रेनिग के बाद उन्हें चारोधाम में तैनात किया जाएगा।

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