देहरादून
आमजन को महंगाई से राहत कहीं नहीं मिल रही. तेल-गैस कंपनियों ने आज घरेलु और कमर्शियल उपयोग के गैस सिलेण्डर की कीमतों में इजाफा किया हैमई महीने के तीसरे हफ्ते एक बार फिर महंगाई का बड़ा झटका लगा है. बता दें कि घरेलू और कमर्शियल सिलेंडर महंगा हो गया है. घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में तीन रुपये का इजाफा हुआ है. वहीं 12 दिन में सिलेंडर 53 रुपये महंगा हो गया है. इसी के साथ घरेलू सिलेंडर 1006.50 रुपये हो गया है।
रसोई गैस की कीमतों का फ्लेशबैक में जाये तो पिछले 8 साल में इसकी कीमतों में 157% का इजाफा हुआ है. मई 2014 में जब केन्द्र में एनडीए की सरकार सत्ता में आई तब घरेलु रसोई गैस की कीमत 391.5 रुपए प्रति सिलेण्डर थी. उस समय लोगों को सब्सिडी सीधे खाते में देकर केन्द्र सरकार अपने स्तर पर वहन करती थी. अब 8 साल में ये कीमत बढ़कर 1006.5 रुपए हो गई.
मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद रसोई गैस सिलेण्डर पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीधे उपभोक्ताओं के खाते में पहुंचाने का काम शुरू किया. उसके बाद से लोगों को साल में 12 रसोई गैस सिलेण्डरों पर सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया. सिलेण्डर तो बाजार रेट पर मिलता था, लेकिन उसके दी जाने वाली 20 फीसदी तक की सब्सिडी की राशि को उपभोक्ता के सीधे खाते में डाली जाती थी. लेकिन केंद्र सरकार ने अप्रैल 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया था. अप्रैल 2020 तक लोगों को रसोई गैस पर 147 रुपए की सब्सिडी मिलती थी, लेकिन मई 2020 के बाद से अब तक सब्सिडी बंद है. मई 2020 में बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 583 रुपए में मिलता था, जो अब बढ़कर 1003 रुपए का हो गया है.
घरेलू सिलेंडर के साथ ही कमर्शियल सिलेंडर का भी दाम में बढ़ोतरी की गई है. कमर्शियल सिलेंडर 8.50 रुपये महंगा हो गया है. इसी के साथ अब कमर्शियल सिलेंडर 2373 रुपये में मिलेगा.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें, रसोई गैस और जरूरी सामानों की कीमतें आम आदमी का बजट हिला कर रख चुकी है. महंगाई की मार से परेशान जनता अब करें तो करें क्या. वहीं अब बैंक से लोन लेना भी महंगा पड़ेगा क्योंकि क्योंकि RBI ने रेपो रेट बढ़ा दिए हैं. आखिर कब यह महंगाई थमेगी और कब आम इंसान चैन की सांस ले पाएगा.
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