देहरादून
उत्तराखण्ड एसटीएफ के *वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि विगत एक माह से एसटीएफ द्वारा उत्तराखण्ड में प्रैक्टिस कर रहे बी0ए0एम0एस0 की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सम्बन्ध में जांच की जा रही थी, जिसकी प्रारम्भिक जांच में पाया कि उत्तराखण्ड राज्य में कई आयुर्वेदिक चिकित्सक जो कि बी0ए0एम0एस0 की फर्जी डिग्री धारण किये हुये है एवं फर्जी दस्तावेज तैयार कर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड में चिकित्सा अभ्यास का पंजीकरण करा लिया गया है* एवं उसी फर्जी पंजीकरण के आधार पर उत्तराखण्ड के अलग-अलग स्थानो पर *बीए0एम0एस0 डाक्टर के रूप में अपने निजी अस्पताल/क्लीनिक चला रहे है*, जहाॅ पर आम जनता इन्हें डाक्टर समझ रही है एवं अपनी बीमारी को लेकर इन लोगो से उपचार करवा रहे है, जिससे ये सभी फर्जी चिकित्सक आम जन-मानस के स्वास्थ व जीवन के साथ खिलवाड़ कर अवैध धन अर्जित कर रहे है।
*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा यह भी बताया गया कि प्रारम्भिक जांच में कई आर्युवेदिक डॉक्टरों का फर्जीवाड़ा पाया गया एवं ऐसे करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके संबंध में संबंधित चिकित्सा बोर्ड से सूचना मांगी गई तो ज्यादातर फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साईंस यूर्निवसिटी कर्नाटका की पायी गयी जो कि पूर्णतया फर्जी बनी हुयी है, जिन्हें बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज मुजफफरनगर के मालिक इमरान और इमलाख द्वारा तैयार करायी गयी है।*
दिनांक 10 जनवरी 2023 को एसटीएफ देहरादून की पहली टीम द्वारा *आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रीतम सिंह एवं मनीष अली को गिरफ्तार किया गया है, इनकी बीएएमएस की मूल डिग्री फर्जी पाई गई, दोनों की मूल डिग्री को बरामद कर लिया गया है,* जांच में दोनों चिकित्सकों के द्वारा फर्जी डिग्री के आधार पर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन करके क्रमशः प्रेमनगर और रायपुर में अपने अपने क्लिीनिक खोल कर चिकित्सा अभ्यास कर रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा अपनी पूछताछ में बताया गया कि उनको जो *बीएएमएस की फर्जी डिग्री* दी है, वह उन्होंने करीब *₹80,0000 में बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज मुजफफरनगर के मालिक/चेयरमैन इम्लाख एवम इमरान निवासी मुजफ्फरनगर से प्राप्त की है।* इमलाख के बारे में जानकारी की गयी तो वह कोतवाली मुजफफरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। इसके द्वारा अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज के नाम से मेडिकल डिग्री काॅलेज भी खोला हुआ है जो कि बीफार्मा,बीए, बीएससी, आदि के कोर्स संचालित करता है।
एसटीएफ की दूसरी टीम द्वारा बाबा मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर को काॅलेज से ही गिरप्तार किया गया, जिसके कब्जे से *एसटीएफ को कई राज्यों की युनिर्वसिटियों की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी मुद्राएं एवं फर्जी पेपर एवं कई अन्य कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए हैं।* इमरान द्वारा अपनी पूछताछ के दौरान उत्तराखंड एवं कई अन्य राज्यों में सैकड़ों डॉक्टरों को इस तरह की फर्जी डिग्री लाखों रुपए लेकर देने की बात बताई है। एसटीएफ टीम के दबिश की सूचना प्राप्त होते ही इमरान का भाई इम्लाख फरार हो गया। जिसकी गिरफ्तारी कें लिए दविश दी जा रही है।
*भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखंड द्वारा उक्त फर्जी डिग्री के आधार पर उत्तराखण्ड में पजीकृत करने तथा एसटीएफ द्वारा जांच में पत्राचार करने के उपरान्त भी सहयोग नहीं किये जाने पर परिषद के अधिकारी और कर्मचारियों की संलिप्तता के संबंध में भी जांच की भी जा रही है।*
एसटीएफ की जांच में पाये गये करीब 36 फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकाकें के साथ साथ इस गिरोह के संचालक इमराम और इमलाख के विरुद्ध उपनिरीक्षक दिलबर सिंह नेगी की तहरीर के आधार पर नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा अपराध संख्या 19/23 धारा 420 467 468 471 120 बी प्च्ब् के तहत दर्ज किया गया है।
*गिरफ्तार अभियुक्तों चिकित्सकों के नाम*
1- प्रीतम पुत्र भीम सिंह निवासी अंबे वाला श्यामपुर थाना प्रेमनगर जनपद देहरादून उम्र करीब 43 वर्ष
2- मनीष अली पुत्र मकसूद अली निवासी सुमन पुरी अधोइवाला थाना रायपुर उम्र करीब 45 वर्ष
3-इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश ।
*बरामदगी का विवरण -*
1. गिरप्तारी किये गये दोनो चिकित्सकोकं की दो मूल कूटरचित डिग्री बीएएमएस।
*इमरान के कार्यालय से बरामदगी का विवरण-*
1 -102 ब्लेंक (खाली ) डिग्री
2- 01 जारी डिग्री
3- 48 अलग अलग कॉलेज के लिफाफे
4- 208 लेटर पेड़ (अलग अलग यूनिवर्सिटी की)
5- 08 मोहर (अलग अलग यूनिवर्सिटी की )
6-तीन डॉक्टरों के दवब प्रमाण पत्र
7-बीएएमएस की एक जारी फर्जी डिग्री
*इमरान एवं इम्लाख के संबंध में जानकारी करने पर यह भी जानकारी हुई कि इम्लाख बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर का स्वामी है एवं इसके विरुद्ध फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है।*
पुलिस टीम 1अपर पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन सिंह 2 पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र पंत 3 निरीक्षक अबुल कलाम 4 उप निरीक्षक यादवेंद्र बाजवा 5 उप निरीक्षक नरोत्तम बिष्ट 6 उपनिरीक्षक दिलबर सिंह नेगी 7 हेड कांस्टेबल संजय कुमार 8 हेड कांस्टेबल संदेश यादव 9 हेड कांस्टेबल वीरेंद्र नौटियाल 10 कांस्टेबल महेंद्र नेगी 11 कॉन्स्टेबल मोहन अस्वाल 12 कॉन्स्टेबल दीपक चंदोला 13 कांस्टेबल कादर खान
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