यूसर्क द्वारा हरेला सप्ताह के अंतर्गत सीआईएमएस कॉलेज कुंआवाला में वैज्ञानिक संवाद एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन, हरेला पर्व लोक संस्कृति को समर्पित पर्व है–प्रो अनीता रावत, हरेला पर्व हमें प्रकृति और पर्यावरण की महत्ता को महसूस कराता है- एडवोकेट ललित जोशी

 

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा हरेला सप्ताह के अंतर्गत सी. आई. एम. एस. कॉलेज कुंआवाला देहरादून में वैज्ञानिक संवाद एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सीआईएमएस परिसर में 120 फलदार एवं औषधीय पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अनीता रावत ने इस अवसर पर कहा कि हम सभी को पर्यावरण के संरक्षण के लिए गंभीरता के साथ मिलकर कार्य करने की जरूरत है। भारतीय ज्ञान विज्ञान परंपरा और संस्कृति में प्रकृति के पांच महाभूतों को जीवन के लिए बहुत आवश्यक माना गया है। हरेला पर्व प्रकृति को समर्पित लोक पर्व है, हम सभी को पौधारोपण करने के साथ साथ उसकी वर्ष भर देखभाल भी करनी चाहिए। प्रोफेसर अनीता रावत ने इस अवसर पर उपस्थित सभी 400 छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों को हरेला शपथ भी दिलाई।

इस अवसर सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने मुख्य अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अनीता रावत व अन्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला आज उत्तराखंड ही नहीं समूचे भारत में लोकप्रिय हो चुका है जो लोगों को प्रकृति के समीप ले जाते हुए उसके संरक्षण की प्रेरणा देता है। हमको अपने जीवन में पौधों का रोपण करने के साथ-साथ तथा उनका संरक्षण भी करना चाहिए व दूसरों को प्रेरित भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे छात्र-छात्राओं को यूसर्क के वैज्ञानिकों से संवाद करने का मौका मिल रहा है।

प्रोफेसर रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा राज्य के विभिन्न विद्यालयों में स्थापित 130 विज्ञान चेतना केंद्रों के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में हरेला सप्ताह मनाया जा रहा है तथा वृहद वृक्षारोपण कार्य किया जा रहा है।

प्रोफेसर (डॉ.) अनीता रावत ने कहा कि हरेला पर्व हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है, यह हम सब का त्यौहार है और यह हमें अपने परंपरागत लोक पर्वों, जैव विविधता को संरक्षित करने हेतु प्रेरित करता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि विचारों से ही संस्कार आते हैं और यदि आपके विचार अच्छे हैं तो आपके संस्कार भी अच्चे होंगे और यही जीवन का मूलमंत्र है। जिस परिवेश में हम रहते है, वहां सारी रचनाएं, सारा कार्यक्रम, हमारे विचारों का जो भी भाव है हमारे संस्कारों से तय होता है। उन्होंने कहा कि आज हमारी और आपकी पीढ़ी के द्वारा किए गए कार्य आपके जीवन की दशा को तय करेंगे। इस समाज को आपकी पीढ़ी किस दिशा में लेकर जाएगी, यह आपके और हमारे कृत्यों पर निर्भर करेगा। जिस समाज ने अपने संस्कारों को संजोकर रखा है, वो समाज हमेशा प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा है। इस दौरान उन्होंने यूसर्क द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी भी छात्र-छात्राओं को दी।

यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा हरेला हम सभी को प्रकृति से जोड़ता है और प्रकृति संरक्षण की प्रेरणा देता है। हरेला प्रकृति पूजन का पर्व है। जो लोगों को प्रकृति के समीप ले जाते हुए उसके संरक्षण की प्रेरणा देता है। हमको अपने जीवन में पौधों का रोपण करने के साथ साथ तथा उनका संरक्षण भी करना चाहिए व दूसरों को प्रेरित भी करना चाहिए।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि हम सभी को अपने पर्यावरण की रक्षा करने के लिए आगे आकर कार्य करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पौधारोपण करना होगा तथा पॉलीथिन का प्रयोग बंद करना चाहिए l

कार्यक्रम के अंत में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान कॉलेज परिसर में 120 फलदार एवं औषधीय पौधों का रोपण मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनीता रावत, यूसर्क वैज्ञानिकों, कॉलेज के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर से यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल, डॉ. राजेंद्र सिंह राणा, कॉलेज के एडमिन ऑफिसर मेजर (रिटायर्ड) ललित सामंत, प्रिंसिपल डॉ. सुमन वशिष्ठ, वाइस प्रिंसिपल रबीन्द्र कुमार झा, शिक्षख एवं 400 छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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