त्रिशूल शूटिंग रेंज में निशाना साध सरबजोत गदगद, पेरिस ओलंपिक के कांस्य विजेता ने कहा-ऐसी रेंज देश में कहीं नहीं

देहरादून
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज की त्रिशूल शूटिंग रेंज में निशाना साधते हरियाणा के इस शूटर पर सबकी निगाहें थीं। दस मीटर रेंज की शूटिंग स्पर्धा में इस शूटर ने सटीक निशाने लगाए और फाइनल में जगह बना ली। यह शूटर कोई और नहीं सरबजोत सिंह थे। पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर के साथ कांस्य पदक जीतने वाले। सरबजोत सिंह त्रिशूल शूटिंग रेंज से गदगद नजर आए। उनकी पहली प्रतिक्रिया गौर करने लायक है। उन्होंने कहा-ऐसी शूटिंग रेंज में देश में कहीं नहीं है।
सरबजोत सिंह राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दस मीटर रेंज की शूटिंग स्पर्धा का फाइनल वह सोमवार को खेलेंगे। एक बातचीत में सरबजोत सिंह ने कहा-जिस तरह की यह शूटिंग रेंज बनाई गई है, वो विदेशों में ही देखने को मिलती है। दिल्ली, भोपाल की शूटिंग रेंज अच्छी है, लेकिन देहरादून की यह रेंज सबसे अच्छी लगी। उन्होंने कहा-शूटिंग में देश का भविष्य अच्छा है। उत्तराखंड से भी अच्छी संभावनाएं हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक में कांस्य जीतने के बाद निश्चित तौर पर लोकप्रियता तो बढ़ गई है। मगर बहुत सामान्य ढंग से अपनी जिंदगी को जीते हैं। लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी वह सिर्फ अपने खेल पर फोकस करना चाहते हैं।
सरबजोत के खेलने, तारीफ करने के मायने
राष्ट्रीय खेलों की शूटिंग स्पर्धा में सरबजोत सिंह जैसे स्टार खिलाड़ी की भागीदारी और शूटिंग रेंज की तारीफ के बडे़ मायने निकाले जा रहे हैं। त्रिशूल शूटिंग रेंज को बनाने में तकनीकी सहयोग देने वाले अरूण का कहना है कि शूटिंग रेंज लगातार कसौटी पर खरी उतर रही है। सरबजोत सिंह जैसे बडे़ खिलाड़ी इस रेंज पर खेलकर इसकी तारीफ कर रहे हैं, तो इससे बड़ी कोई बात नहीं है।

सरबजोत सिंह से मिलकर प्रशंसक झूमे
अपना मैच खत्म करके जैसे ही सरबजोत सिंह बाहर आए, उनके प्रशंसकों ने उन्हें घेर लिया और फोटो खिंचवाने लगे। छह वर्ष की सानवी हो या फिर वॉलंटियर अनिरुद्ध, सरबजोत सबसे बहुत प्यार से मिले। भारतीय शूटिंग टीम में जगह बनाने के लिए प्रयासरत अर्श ठाकुर व उन्नति के लिए सरबजोत से मिलना किसी सपने के पूरा होने जैसा रहा। उन्होंने कहा-सरबजोत से मिलना उत्साह बढ़ाने वाला है।

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