सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित कांवड़ मेला संपादन हेतु दुरुस्त  करें तैयारीः  मुख्य सचिव

देहरादून 
मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में  कांवड़ मेला की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों और कार्यदाई संस्थाओं को कांवड़ मेले के संचालन से संबंधित सभी तैयारियां को समय से पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देशित किया कि व्यवस्थित कांवड़ मेले में बाधक बनने वालों (नशे में लिप्त, उत्पात मचाने वालों, हिंसक प्रवृति को बढ़ावा देने वालों) पर सख्ती की जाए तथा मेले के दौरान बड़े डीजे साउंड पर प्रतिबंध लगाया जाए।

उन्होंने नगर निकायों को नियमित साफ- सफाई, शौचालय व पार्किंग,  जल संस्थान को पेयजल की निर्बाध सप्लाई,  फूड सेफ्टी विभाग को खानपान की चीजों की नियमित देख- रेख,  और पूर्ति विभाग को किसी भी तरह की ओवर  रेटिंग पर लगाम लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि साफ- सफाई, पेयजल व्यवस्था, पार्किंग इत्यादि में यदि किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है तो संबंधित विभाग और संबंधित कार्यदाई संस्था पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव ने समय रहते संबंधित कार्यदायी संस्थाओं की बैठक करते हुए उनको  आवश्यक दिशा – निर्देश जारी करने को कहा।  उन्होंने सिंचाई विभाग को विभिन्न स्नान घाटों और पुलों पर बेहतर साफ- सफाई और  जरूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

कांवड़ मेला की अवधि 11 जुलाई से 23 जुलाई तक रहेगी। पंचक अवधि 13 से 17 जुलाई तक, डाक कावड़ 20 से 23 जुलाई तक तथा जलाभिषेक (श्रावण शिवरात्रि) 23 जुलाई को होगा।

बैठक में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार द्वारा कांवड़ मेले के केंद्र बिंदु हरिद्वार कांवड़ के सफल संचालन हेतु की गई तैयारियों, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था इत्यादि का विवरण प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया।
यातायात के प्रबंधन के लिए विभिन्न रूट, स्थाई – स्थाई पार्किंग, जनपद में आने वाले तथा अन्य जगह जाने वाले वाहनों के अनुरूप रूट डाइवर्जन प्लान इत्यादि से अवगत कराया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार ने अवगत  कराया कि कांवड़ मेले के प्रबंधन हेतु इसको 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में विभाजित किया गया है।

कांवड़ मेले के संचालन से संबंधित चुनौतियों तथा उनसे निपटने के लिए किए जाने वाले स्थाई- अस्थाई निर्माण कार्यों की आवश्यकता और उससे संबंधित बजटीय प्रावधानों से भी अवगत कराया गया।

देहरादून, पौड़ी और टिहरी जनपदों द्वारा भी अपनी तैयारी और बजटीय आवश्यकताओं से अवगत कराया।

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