हरिद्वार
कांवड़ मेले के पहले दिन लाखों कांवड़ियों के साथ हरिद्वार आए ग्रेटर नोएडा के मोनू ने हर शख्स का दिल जीत लिया। भगवान शिव के प्रति आस्था के साथ-साथ मोनू में देश की सीमाओं पर खड़े जवानों के प्रति भी जज्बा दिखा। मोनू फौजी की प्रतिमा सिर पर रखकर हरिद्वार से गंगाजल लेकर ग्रेटर नोएडा के लिए पैदल निकल पड़े। उनके जज्बे को हर किसी ने सलाम किया।
कोरोना के चलते दो साल बाद शुरू हुई कांवड़ यात्रा में इस बार आस्था और देशभक्ति का अनोखा संगम नजर आ रहा है। इस अमिट छाप में श्रद्धा और देश समर्पण की भावना शिवभक्तों में देखते ही बनती है।
दरअसल, शिवभक्त इस बार बड़ी संख्या में गंगा जल के साथ राष्ट्र की शान तिरंगा भी साथ लेकर चल रहे हैं। शिवभक्तों में भक्ति का सुरूर और राष्ट्र के लिए जुनून इस यात्रा को और भी महत्वपूर्ण बना रहा है। गुरुवार को लाखों कांवड़िए पहले दिन गंगाजल लेने पहुंचे। इन्हीं कांवड़ियों के बीच मोनू ने अपनी अलग छाप छोड़ी।
मोनू ग्रेटर नोएडा के गांव छपरोला के रहने वाले हैं। 26 वर्षीय मोनू कांवड़ के रूप में एक फौजी का प्रतिमा लेकर पहुंचे हैं। हरकी पैड़ी पर स्वयं स्नान करने के बाद उन्होंने प्रतिमा को स्नान कराया। इसके बाद गंगाजल लिया और कांवड़ के रूप में फौजी के प्रतिमा को सिर पर रखकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए।
कांवड़ रूट पर पैदल सिर में फौजी काप्रतिमा देखकर हर कोई हैरान रहा। लोगों ने उनके जज्बे को सलाम किया। मोनू ने बताया कि प्रतिमा को वह बस में लेकर आए थे, लेकिन गंगा स्नान के बाद कांवड़ के रूप में सिर में रखकर ग्रेटर नोएडा के अपने गांव तक पैदल ही जाएंगे।
मोनू ने बताया कि पुलवामा हमले की घटना ने उनको बहुत आहत किया। सैनिकों के सम्मान के लिए उन्होंने श्रावण में कांवड़ के रूप में फौजी के प्रतिमा ले जाने का प्रण किया था। प्रण पूरा करने की शुरुआत हरिद्वार से कर दी है
उन्होंने बताया कि प्रतिमा देखकर लोगों में देश और फौजी के प्रति सम्मान बढ़ेगा। उनका यही सपना है। मोनू के साथ यश, ऋतिक और पुष्कर भी साथ हैं, जो कांवड़ लेकर चल रहे हैं। मोनू ने बताया कि 2019 में वह कांवड़ लेकर जा चुके हैं।
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