देहरादून
डीएफओ दंपति को हटवाने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल के बीच तीखी बहस हो गई .. जिस कागज पर वन मंत्री ने जांच के आदेश दिए .. विधायक ने मंत्री के सामने ही वह कागज फाड़कर हवा में उछाल दिया और समर्थकों के साथ मंत्री आवास के बाहरी धरने पर बैठ गए… मामले तब खतम हुआ जब मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायक को उचित कार्यवाही का भरोसा दिया।
बता दे कि उत्तराखंड के तहत यमुना घाटी के गोविंद वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क और अपर यमुना टोंस वन प्रभाग में कार्यरत डी एफ ओ दपंती को हटाने की मांग भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल लंबे समय से कर रहे थे … इसी मांग को लेकर भाजपा विधायक वन मंत्री सुबोध के पास पहुंचे थे … लेकिन वन मंत्री सुबोध उजियाल की तरफ से जांच की बात कहे जाने पर भाजपा विधायक अपना आपा खो बैठे और मंत्री के सामने ही मांग पत्र को फाड़ दिया …. भाजपा विधायक के इसी बरताव के बाद शुरू हुआ सियासी ड्रामा । उत्तराखंड के सियासत में यहां पहला मामला नहीं था जब वन मंत्री के खिलाफ भाजपा के ही विधायक आग बबूला हो गए हो । इससे पहले भीमताल के विधायक राम सिंह खेड़ा भी वन मंत्री की कार्यप्रणाली से नाखुश नजर आए थे .. और अब पुरोला विधायक ने भी वन मंत्री के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। भाजपा विधायक का यह ड्रामा मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा और मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भाजपा विधायक ने अपने समर्थकों को मंत्री आवास से हटने को कहा। भाजपा विधायकों के मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद भाजपा का संगठन अब चिंतित नजर आ रहा है और विधायकों और मंत्रियों के बीच सुलह कराने में जुट चुका है। भाजपा को उम्मीद है कि सभी माननीय अपने व्यवहार में बदलाव करेंगे।
भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि वीडियो दंपति की तरफ से उनके कार्यकर्ताओं को — टूर ऑपरेटर्स को परेशान करने का काम किया जा रहा है.. जो सही नहीं है। क्योंकि इस क्षेत्र में लोगों की आजीविका का साधन पर्यटन से जुड़ा हुआ है ऐसे में अगर टूर ऑपरेटर्स को और स्थानीय लोगों को अधिकारियों की तरफ से परेशान किया जाएगा तो जनता की इस परेशानी को लेकर वह हल्ला जरूर बोलेंगे।
वन मंत्री सुबोध उनियाल की माने तो उनके द्वारा विधायक को जांच का आश्वासन दिया गया था लेकिन विधायक द्वारा उस पत्र को ही फाड़ दिया गया .. जो किसी भी राजनैतिक व्यक्ति को शोभा नहीं देता है।
भाजपा विधायक और मंत्री के इस विवाद पर भाजपा संघटन भी चिंतित नजर आ रहे है … भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा की विधायक के भी कुछ नैतिक अधिकार होते हैं … लेकिन संगठन इस विषय को देखेगा और जांच कर मामले को सुलझाने का प्रयास करेगा। कांग्रेस की तरफ से लगातार सत्ता पर आरोप लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तराखंड में भाजपा के पास जितना बड़ा बहुमत है उतनी ही बड़ी चिंता अब संगठन को सताने लगी है …. क्योंकि चुनावी वर्ष में पार्टी के कार्यकर्ता और पार्टी के ही विधायक अपने ही सरकार से नाराज दिखने लगे हैं …. ऐसे में अब संगठन की तरफ से डैमेज कंट्रोल का प्रयास तो किया जा रहा है लेकिन सबको खुश रख पाना भाजपा के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल एवं पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल के बीच हुए विवाद का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पटाक्षेप करा दिया है। मुख्यमंत्री ने आज दोनों को साथ बैठाया और दोनों के बीच हुए मनमुटाव को खत्म कराया। बताया गया कि इस मामले में एक जाँच कमेटी बनाई जा रही है जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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