उत्तरकाशी
उत्तरकाशी जिले में हिमस्खलन की वजह से पर्वतारोहण की ट्रेनिंग ले रहे प्रशिक्षार्थी बर्फ के पहाड़ पर फंस गए हैं। द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन के बाद नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना है। चिंता की बात है कि हादसे में 9 प्रशिक्षार्थिों की मौत भी हो गई है।
बर्फ के पहाड़ पर फंसे प्रशिक्षार्थियों को बचाने के लिए देहरादून से एसडीआरएफ की टीमें भेजी गईं हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने की मदद मांगी है। सीएम धामी ने फंसे प्रशिक्षार्थियों के लिए सेना की मदद के लिए अनुरोध किया है, जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है।
प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिए निम की टीम के साथ जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि ट्रेनिंग में प्रशिक्षक व प्रशिक्षणार्थी सहित कुल 175 लोग थे। जिसमे 29 लोग एवलांच की चपेट में आये हैं। 8 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है, 21 लोगों का रेस्क्यू कार्य गतिमान है। रेस्क्यू के लिए हैली कि मदद ली जा रही है।
वहीं डीएम अभिषेक रूहेला ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से अभी रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है मौसम ठीक होने पर दोबारा रेस्क्यू शुरू किया जाएगा।नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। जिसमें बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व नौ प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे।
शासन ने एयरफोर्स से भी किया संपर्क
एयरफोर्स से भी शासन ने संपर्क किया है। तीन हेलीकॉप्टर रेकी करेंगे और फिर बचाव कार्य किया जाएगा। डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने जानकारी दी कि एसडीआरएफ की टीम कैंप के लिए टेक ऑफ कर चुकी है।
चौराबाड़ी ग्लेशियर के पास सामने आई थी हिमखंड टूटने की घटना
पिछले 10 दिन में केदारनाथ धाम के ठीक पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर के पास हिमखंड टूटने की तीन घटना सामने आई थी।केदारनाथ धाम से सात किलोमीटर पीछे शनिवार एक अक्टूबर को दूसरी और दो अक्टूबर को तीसरी बार एवलांच देखा गया था, हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। इससे पहले बीती 22 सितंबर को भी मंदिर के पीछे एवलांच देखा गया था। जिसके अध्ययन के लिए वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के विज्ञानियों की पांच सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(डीडीएमए) व एसडीआरएफ की टीम भी चौराबाड़ी में कैंप करके वहां लगातार निगरानी कर रही हैं।
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