कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु की दशा में मृतक के वारिसानों को आपदा मोचन निधि के तहत 28 फरवरी तक दिया जाएगा मुआवजा–जिलाधिकारी

देहरादून

जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार ने अवगत कराया है कि  गृह मंत्रालय भारत सरकार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय व माननीय उच्चतम न्यायालय तथा उत्तराखण्ड शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु की दशा में मृतक के विधि वारिसानों को आपदा मोचन निधि की संशांधित मदों एवं सहायता के मापदण्डों के अन्तर्गत रू0 50,000 (पचास हजार रूपये) को नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करायी जानी है। कोविड-19 से विभिन्न चिकित्सालयों (निजी/राजकीय) में मृत व्यक्तियों को मुआवजा दिए जाने संबंधी वर्तमान में मा0 सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सुनवायी हेतु गतिमान है जिसमें मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार 28 फरवरी 2022 तक प्रत्येक दशा में मुआवजा संबंधी शपथ पत्र राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाना है।

उक्त के परिपेक्ष्य में जिलाधिकारी ने जनपद के सभी (निजी/राजकीय चिकित्सालयों) को निर्देशित किया कि कोरोना काल में उनके चिकित्सालयों में कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के संबंध में सम्पूर्ण विवरण नाम/पता/मोबाइल नम्बर इत्यादि एवं प्रत्येक कुल मृत लोगों का विवरण संकलित कर अगले दो दिवस में मुख्य चिकित्साधिकारी को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने मुख्य चिकित्साअधिकारी को निर्देशित किया कि वे जनपद के सभी (निजी/शासकीय) चिकित्सालयों की कोविड-19 से मृतक व्यक्तियों की सूची सम्पूर्ण पते के साथ प्राप्त करते हुए उनसे यह भी प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे कि उनके चिकित्सालय में इसके अतिरिक्त कोई कोविड-19 से मृत व्यक्ति नहीं है मुख्य चिकित्साधिकारी भी इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे कि निजी/शासकीय चिकित्साधिकारी द्वारा दी गयी सूची जो उनके द्वारा संकलित कर प्रस्तुत की गयी है के अतिरिक्त जनपद में अन्य कोई भी व्यक्ति कोविड-19 से मृत नही पाया गया।

उन्होंने आदेशों का अनुपालन न किये जाने की तथा सही आकड़े प्रस्तुत न करने व उक्त कार्य में लापरवाही बरतने की दशा में संबंधित के विरूद्ध EpidemicDiseases Act 1897    , आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 व Uttarakhand Epidemic Diseases, Act Covid-19 Regulations, 2020 अधिनियमों की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

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