उत्तरकाशी
मंगलवार को मौसम खराब रहने से डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान नहीं चल पाया। यहां अभी भी दो पर्वतारोही लापता चल रहे हैं जबकि एक शव एडवांस कैंप से मातली हेलीपैड नहीं लाया जा सका है। मंगलवार को पूरे जनपद क्षेत्र में मौसम खराब रहा। जनपद मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में सुबह तेज बारिश हुई।
वहीं मौसम में ठंड भी बढ़ गई। डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में भी जमकर बर्फबारी बताई जा रही है। यहां भी मौसम खराब रहने से मंगलवार को रेस्क्यू अभियान नहीं चल पाया जिससे दो लापता पर्वतारोहियों की तलाश नहीं हो पाई। बीते चार अक्तूबर को हुए हिमस्खलन हादसे में 20 पर्वतारोही लापता हो गए थे।
इन पर्वतारोहियों की तलाश के लिए 6 अक्तूबर से एसडीआरएफ, आईटीबीपी, हाज व सेना ने घटना स्थल पर रेस्क्यू शुरू किया था। रेस्क्यू दल ने 6 अक्तूबर को घटना स्थल से 15 शव, 7 अक्तूबर को 7 शव व 8 अक्तूबर को 1 शव बरामद किया था। जबकि 4 शव घटना के दिन ही बरामद किए थे।
कुल 27 शव बरामद किए गए हैं जिनमें से 26 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। एक शव अभी एडवांस बेेस कैंप से मातली हेलीपैड नहीं लाया जा सका है।
हिमस्खलन हादसे में लापता हुए ले. कर्नल दीपक वशिष्ठ हिमाचल, विनय पंवार उत्तराखंड व सौरभ विश्वास पश्चिम बंगाल के परिजनों का इंतजार समाप्त नहीं हो पा रहा है।
इन तीनों में से एक का शव एडवांस बेस कैंप में है जिसे अभी मातली नहीं लाया जा सका है।
शव के मातली पहुंचने पर परिजन शिनाख्त करेंगे। शव की शिनाख्त के बाद लापता दोनों पर्वतारोहियों के नाम भी स्पष्ट हो जाएंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लापता दो पर्वतारोही कौन हैं।
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