देहरादून
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 14 वें स्थापना दिवस पर टेक्निकल वर्ल्ड की हस्तियां एक नए अवतार में नजर आईं। डॉ. कमल घनशाला और राखी घनशाला ने अपने गीतों से ऐसा जादू चलाया कि लोग दंग रह गए। “ओ राही ओ राही रुक जाना नहीं तू कभी हार के…” जैसे गीत के जरिये डॉ. घनशाला ने कामयाबी की राह भी दिखाई और खूब वाहवाही लूटी।
समारोह की परम्पराओं को नया अंदाज देते हुए ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने आज भाषण से कहीं ज्यादा अहमियत गीत को दी। अपने पहले गाने “ …रूक जाना नहीं तू कभी हार के, कांटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के…” के जरिये ग्राफिक एरा की स्थापना से लेकर देश के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में शामिल होने तक के सफर और राह की बाधाओं को बाखूबी बयान किया।
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उठी फरमाइश को उन्होंने नजरअंदाज नहीं किया। दूसरे गाने “एक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है, जिंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है…” में ग्राफिक एरा में पहली बार श्रीमती राखी घनशाला को लोगों ने मंच से गाते देखा और सुना। तकनीकी और प्रोफेशनल एजुकेशन की दुनिया की इन हस्तियों को बहुत जोश और सधे हुए अंदाज में मंच पर आवाज का जादू बिखरते देखकर शिक्षक, स्टाफ और अन्य लोग देर तक तालियां बजाते रहे।
इस अवसर पर ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने ग्राफिक एरा में सप्ताह में पांच दिन कक्षाएं चलाने और एक दिन रिसर्च व छात्र-छात्राओं की कोर्स संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्राफिक एरा की प्रतिस्पर्धा अब राज्य में किसी से नहीं है, उत्तर भारत के कुछ ही संस्थानों के साथ प्रतिस्पर्धा है। रेस अब टाइट हो गई है, इसलिए हमें और ज्यादा उत्तरदायी, खुले मस्तिष्क और दूरदृष्टि के साथ अधिक परिश्रम करना होगा।
बी टेक ऑडीटोरियम में आयोजित इस समारोह में ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला और वरिष्ठ पदाधिकारी श्रीमती राखी घनशाला ने तालियों की गूंज के बीच एक विशाल केक काटा। समारोह में सबसे पहले कोरोना के कारण ये दुनिया छोड़ जाने वाले ग्राफिक एरा के सबसे पहले कर्मचारी चैत सिंह भंडारी, ह्यूमैनिटीज की एच.ओ.डी. डॉ. राज धर और आई.टी. के एच.ओ.डी. मनीष महाजन को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। समारोह में चांसलर डॉ. आर सी जोशी, कुलपति डॉ. राकेश कुमार, रजिस्ट्रार ओंकार नाथ पंडित, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय जसोला और काफी शिक्षक शामिल हुए। संचालन साहिब सबलोक ने किया।
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