देहरादून
उद्योग जगत से लगातार संवाद कर रही सरकार
उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो और वेबसाईट के अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, उद्योग जगत और प्रमुख औद्योगिक संगठनों से लगातार सम्पर्क में है। इसी क्रम में 17 अगस्त को देहरादून में और 21 अगस्त को दिल्ली में प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद किया गया। उद्योग जगत से मिल रहे सुझावों को बहुत ही प्रमुखता से लिया गया है। उसी आधार पर एमएसएमई नीति, सेवा क्षेत्र नीति, लॉजिस्टिक नीति, सोलर नीति, आदि में सुधार किया गया है।
पीस डेस्टिनेशन के साथ इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन भी बना उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों और निवेश के अनुकूल बने माहौल से उद्योगपतियों में बहुत उत्साह है। देवभूमि उत्तराखण्ड में सदियों से लोग शांति के लिए आते रहे हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, अब निवेशक भी यहां आने के लिये उत्साहित हैं। शांति और पर्यटन के डेस्टीनेशन के साथ ही उत्तराखण्ड प्रमुख इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन भी बना है। देश विदेश के लोग यहां से जुड़ना चाहते हैं। यहां के प्राकृतिक वातावरण, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश अनुकूल नीतियों, राष्ट्रीय राजधानी से निकटता, इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण उत्तराखण्ड निवेश के लिये प्रमुख केंद्र बन रहा है। ईज आफॅ डूंईंग बिजनेस में उत्तराखण्ड एचीवर्स श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड हिमालयी राज्यो प्रथम स्थान पर जबकि सम्पूर्ण देश में 9 वें स्थान पर है।
इंवेस्टमेंट सम्मिट पूरे उत्तराखंड का
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उद्योग पहले से उत्तराखण्ड में स्थापित हैं, उन्होंने भी अपना विस्तार करने की बात कही है। इन्वेस्टर्स समिट केवल उद्योग विभाग का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सभी विभाग इससे जुड़े हैं। वस्तुतः यह समिट उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों का है। राज्य में निवेश से रोजगार सृजन होगा, लोगों की आय में वृद्धि होगी और देश के विकास में उत्तराखण्ड प्रभावी भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभवों से सीखते हुए बहुत से सुधार किये गये हैं। राज्य में अधिक से अधिक निवेश आए इसके लिये हम ठोस तरीके से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। इन्वेस्टर्स समिट इसी दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
मुख्य सचिव डा. एस.एस. संधु ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो में उत्तराखण्ड की विशिष्टताओं को प्रदर्शित किया गया है। पहले लोग यहां शांति के लिए आते थे, अब पर्यटन और निवेश के लिये आ रहे हैं। पर्यटन, योग, वैलनेस, सर्विस सेक्टर, कृषि और हॉर्टीकल्चर पर राज्य सरकार फोकस कर रही है। प्रदेश में बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिये निवेश महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार राज्य के नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाईफ में सुधार करने का प्रयास कर रही है। कृषि और हॉर्टीकल्चर को प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश की जीडीपी में 40 प्रतिशत योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र के लिये भी नई नीति बनाई गई है।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने स्वागत सम्बोधन और सचिव विनय शंकर पाण्डे ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, सचिव शैलेश बगोली, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
विशेषः
डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड- ग्लोबल समिट 2023 का लोगो राज्य की भावनाओं का प्रतिबिम्ब है। लोगो में दो पर्वत श्रृंखलाएं निरंतरता के साथ प्रगति के परिचायक तीर का सृजन करता है, जो न केवल असीमित प्रगति का प्रतीक है, बल्कि विकास और सतत विकास की निरंतरता का द्योतक है। दोनों पर्वत श्रृंखलाएं दो महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रदर्शित करती है- उत्तराखण्ड के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और कुशल श्रम शक्ति की अनवरत श्रृंखला।
लोगो में हरा रंग राज्य की प्राकृतिक सुन्दरता और प्रकृति के साथ सामन्जस्य का प्रतीक है। नीला रंग अवसरों, आकांक्षाओं और नये विचारों के लिये असीमित आकाश का प्रतिनिधित्व करता है।
समिट की टैग लाईन पीस टू प्रोस्पेरिटी है।
निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति के लिये राज्य में ऑनलाईन सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.
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