उन्होंने कहा कि कबड्डी हमारे देश का प्राचीन खेल है। कबड्डी में सफलता के लिए जहां एक ओर खिलाड़ी की स्फूर्ति, ताकत और गति महत्वपूर्ण होती है वहीं दूसरी ओर खिलाड़ियों में धैर्य और टीम भावना की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य रहा कि लंबे समय तक कबड्डी को वह सम्मान नहीं मिल पाया था जिसका वह हकदार हैं, उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में कबड्डी ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। 2014 में प्रारंभ हुई प्रो-कबड्डी लीग जैसी प्रतियोगिता के जरिये न केवल खिलाड़ियों को एक बड़ा मंच मिला है बल्कि कबड्डी को टेलीविजन पर भी काफी लोकप्रियता मिली है। युवा ऑल स्टार्स चैम्पियनशिप कबड्डी प्रतियोगिता को एक नया आयाम प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार इस चैम्पियनशिप का 100 से अधिक देशों में लाइव प्रसारण किया गया है, इसके साथ ही इस चैम्पियनशिप में उत्तराखंड के लिए अलग से एक 10 दिवसीय लीग आयोजित कर हमारे स्थानीय खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया गया है। जिसके लिए उन्होंने उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन एवं आयोजकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज हमारा राज्य देश में देवभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है। अभी हाल में 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन के दौरान हमने जिस प्रकार देशभर में आए खिलाड़ियों को खेल सुविधा उपलब्ध कराई वह एक बेंचमार्क रहा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 517 करोड रुपए की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम बनाने के साथ ही लगभग 100 करोड रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल उपकरण लाकर उत्तराखंड में विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है। उन्होंने कहा कि आज यह विश्व स्तरीय स्टेडियम और खेल सुविधाएं प्रदेश के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग का एक मजबूत आधार बन चुके हैं। इसके साथ ही हमारे विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर बड़ी-बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के लिए आयोजक अब उत्तराखंड की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिता जो पहले से अन्य राज्यों में होती थी, वह अब उत्तराखंड में आयोजित की जा रही है जिसका एक उदाहरण यह युवा ऑल स्टार्स चैम्पियनशिप है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को खेलभूमि के रूप में स्थापित करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए राज्य सरकार शीघ्र ही एक स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान लागू करने जा रही है जिसके अंतर्गत प्रदेश के 08 शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी, जिनमें प्रत्येक वर्ष 920 विश्व स्तरीय एथलीट और 1000 अन्य एथलीट उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, इन अकादमियों में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के साथ ही स्पोर्ट्स साइंस एक्सपटर्, फिजियोथैरेपिस्ट, कंडीशनिंग कोच, डाइट स्पेशलिस्ट और साइकैट्रिस्ट भी तैनात किए जाएंगे इसके साथ ही हल्द्वानी में उत्तराखंड का प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, आयोजकों, खेल प्रेमियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बार राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल जीतकर इतिहास रचने का कार्य किया है, जिसमें दो पदक कबड्डी के खिलाड़ियों ने भी जीते हैं, आने वाले समय में उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडल लाकर उत्तराखंड के साथ संपूर्ण भारत को गौरांवित करेंगे।
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, विधायक मदन कौशिक, शिवालिक नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद ओम प्रकाश जमदग्नि, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर, कुॅवर प्रणब चैम्पियन, सहित अन्य व्यक्ति व खिलाड़ी आदि उपस्थित थे।
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