भाजपा ने डा. मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया

देहरादून: भरतीय जनता पार्टी भाजपा की ओर से गुरुवार को प्रदेश भर में भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष और महान विचारक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया।बलबीर रोड स्थित भाजपा मुख्यालय में मुखर्जी को श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार सहित अन्य लोगों ने डा. मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके कार्यों को याद किया।मदन कौशिक ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतों ने देश से जम्मू-कश्मीर को अलग करने की साजिश रची थी, मगर डा. मुखर्जी ने अपना बलिदान देकर उनकी साजिश को नाकाम कर दिया। डा. मुखर्जी के विरोध और बहादुरी की वजह से ही जम्मू-कश्मीर में प्रवेश के लिए लगाए गए परमिट सिस्टम को हटाया गया।उन्होंने कहा कि डा. मुखर्जी आधुनिक विश्व के संत थे। वह कोलकाता विश्वविद्यालय के युवा कुलपति नियुक्त हुए। उन्होंने ब्रिटिश शासन से देश को मुक्त करने के लिए आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। मुखर्जी नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री रहे, लेकिन उन्होंने जनविरोधी नीतियों की वजह से कांग्रेस को छोड़ दिया और 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की। इसकी भाजपा के रूप में देश के कोने-कोने में पहुंच है।महामंत्री संगठन अजेय ने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश में दो विधान-दो निशान नहीं चलेंगे, इसका विरोध किया। इसके लिए आंदोलन का सूत्रपात कर अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए कई प्रयास किए और अपने जीवन का बलिदान दिया। उनके महान आदर्श, समृद्ध विचार और लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता हमें प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्रीय एकता के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।उन्होंने मुखर्जी को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का शिल्पी बताते हुए कहा कि वह ना सिर्फ मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने के पक्षधर थे बल्कि मानते थे कि विकास में जनभागीदारी के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने सत्ता की लालसा के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र पुनर्निर्माण के ध्येय को लेकर जनसंघ की स्थापना की।इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट, राजेंद्र भंडारी, कुलदीप कुमार, कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, प्रदेश कार्यालय सचिव कौस्तुभ आनंद जोशी, प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल नवीन ठाकुर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा सौरभ थपलियाल व तमाम वरिष्ठजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

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