मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देशभर से आए खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि यह अत्यंत गर्व का विषय है कि भारत में प्रथम बार आयोजित हो रही शीतकालीन खेलों की इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन की मेजबानी का सुअवसर देवभूमि उत्तराखंड को प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में एशिया के 11 देशों से 200 से अधिक खिलाड़ियों ने 9 अलग-अलग प्रतिस्पर्धाओं में प्रतिभाग कर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन द्वारा दर्शकों को रोमांचित करने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट खेल कौशल का प्रदर्शन करते हुए 4 स्वर्ण पदक सहित अनेकों पदक प्राप्त किए हैं। पूर्ण विश्वास है कि यह प्रतियोगिता भारत में शीतकालीन खेलों के नए युग की शुरुआत का प्रतीक बनेगी और हमारे खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेट जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी वर्ष हमारे राज्य में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन ने उत्तराखंड को “देवभूमि के साथ ही “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। इन खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर पहली बार राष्ट्रीय खेलों में 7 वां स्थान प्राप्त कर एक नया इतिहास रचा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में 517 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम बनाने के साथ ही लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण लाकर उत्तराखंड में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है। इसी का परिणाम है कि आज उत्तराखंड केवल राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन रहा है। इसके साथ ही, आज ये विश्व स्तरीय स्टेडियम और खेल सुविधाएँ प्रदेश के खिलाड़ियों की ट्रेनिंग का एक मजबूत आधार बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने देवभूमि उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से ही वर्षों से बंद पड़ी इस हिमाद्रि आइस रिंक का जीर्णाेद्धार कर इसे पुनः खिलाड़ियों के लिए समर्पित किया है। यह देश की एकमात्र ओलिंपिक स्टैण्डर्ड आइस रिंक है, जिसमें खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु अत्याधुनिक व्यवस्थाएँ की गई हैं। आज 14 वर्षों के बाद पुनः इस रिंक पर अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन होना उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार खेलों को बढ़ावा देने हेतु राज्य में स्पोर्ट्स लीगेसी प्लान भी लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के 8 शहरों में 23 खेल अकादमियां स्थापित की जाएंगी। हम राज्य में प्रथम खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में खेलों के समग्र विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने एक नवीन खेल नीति लागू की है। इस नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही, हमारी सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना तथा खेल किट योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। हम ‘उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार’ और ‘हिमालय खेल रत्न पुरस्कार’ प्रदान कर खिलाड़ियों की योग्यता को भी सम्मानित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमने राज्य की राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कर दिया है, जिससे हमारे खिलाड़ियों के परिश्रम और उत्कृष्टता को उचित अवसर और सम्मान मिल सके।
इस अवसर पर विशेष सचिव अमित सिन्हा, आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष श्री अमिताभ शर्मा व अन्य पदाधिकारी, एशियन स्केटिंग यूनियन, उत्तराखंड आइस स्केटिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी,आयोजक और खेल विभाग के अधिकारी, खिलाड़ी व प्रशिक्षक सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।
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