पौड़ी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने *आंगनवाड़ी कार्यकर्ती सेविका/ मिनी /कर्मचारी संगठन* के बैनर तले जिला मुख्यालय पौडी मे अपनी मागो को लेकर धरना प्रदर्शन कर राज्य सरकार को जिलाधिकारी के माध्यम से अपना ज्ञापन प्रेषित किया,
जिसमे समस्त पौडी जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया
प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती रेखा नेगी के नेतृत्व मे रैली रामलीला ग्राउंड से जिला अधिकारी कार्यालय पौडी तक गई, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया और अपनी निम्न मांगों पर जल्द सुनवाई न होने पर प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की चेतावनी,
कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का शोषण कर रही है हर विभाग का काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कराती है, इतनी कम मानदेय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वीडियो कॉल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज न होने पर उनका मानदेय काट दिया जाता है
जबकि इस विभाग में विधवा, परितक्या, तलाकशुदा, बीपीएल, विकलांग जैसी महिलाएं कार्यरत है सरकार महिलाओं को आरक्षण की बात करती है लेकिन महिला सशक्तिकरण बाल विकास सबसे ज्यादा महिलाओं का शोषण किया जा रहा है आज काम के बोझ से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं आत्महत्या करने को तैयार हो रही है
सरकार इतनी कम मानदेय में महिलाओं का शोषण कर रही है आज भारत सरकार इन महिलाओं के कंधे पर डिजिटल इंडिया बनाने की बात कर रही है दूसरी तरफ इन महिलाओं पर खून चूस रही है हम सरकार को बताना चाहते हैं कि जल्द हमारी इन मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो हमको मजबूरन उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिसका सारा श्रेय भारत सरकार और राज्य सरकार का होगा
हमारी मांगे निम्नलिखित है
1- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय न्यूनतम मजदूरी को देखते हुए ₹600 प्रति दिन के हिसाब से 18000 किया जाए, और सीनियरिटी के आधार पर 15 वर्ष पूरे होने पर प्रतिवर्ष सबका मानदेय बढ़ा दिया जाए,
2 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत होने पर 10 लाख की धनराशि दी जाए जिससे वह अपनी बच्ची कुच्ची जिंन्दगी अच्छे से व्यतीत कर सके,
3- आंगनबाड़ी सहायिकाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पद पर पदोन्नति होने पर इंटर पास में ही प्रथम वरीयता और उसी केंद्र की सहायिका को प्रथम वरीयता दिये जाने का जिओ पारित किया जाए,उसके बाद अन्य लोगो को लिया जाय, और आंगनबाड़ी कार्यकत्री की भांति साहयिका को भी आयु सीमा में छूट दी जाय,
4- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सेवानिवृत्ति की आयु 60 की जगह 65 साल किया जाए,
5- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गोल्डन कार्ड जारी किया जाए,
6- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नये फोन उपलब्ध कराये जाए, फोन अच्छी क्वालिटी एवं अच्छी रैम का हो,
जिसमें विभागीय कार्य की सभी जानकारी अच्छी तरह फीड हो सके और फोन हैंग ना हो,
साथ ही मोबाइल रिचार्ज की दर 166 से बढाकर 400 कर दी जाए और प्रत्येक माह मोबाइल रिचार्ज का पैसा मानदेय के साथ आंगनबाड़ी की खाते में डाला जाए,
7- पोषण ट्रैक्कर पर नेटवर्क ना होने के कारण एक दिन उपस्थित लगने पर मानदेय काट दिया जाता है जिस कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 25 दिन का पोषण ट्रैक्टर का डाटा फीड करने का समय किया जाए
8-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यात्रा भत्ता एवं ढुलान छह महीने के अंतर्गत उपलब्ध कराया जाए,
9-भवन स्थानांतरण हेतु विभाग द्वारा दबाव बनाए जा रहा है, कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता निजी भवनो मे केंद्र नहीं खुलेंगे,
जिस कारण से सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ का कहना है कि केंद्र किराए के भवनों में स्थानांतरण तब होगे जब
विभाग भवन किराए ग्रामीण का ₹1000 शहर का ₹4000 प्रत्येक माह मकान मालिक के खाते में दिया जाना सुनिश्चित करेंआंगनवाड़ी कार्यकर्ता को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है तब तक कोई भी आंगनबाड़ी केंद्र खाली नहीं किया जाएगा,
10- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अन्य विभाग का काम ना लिया जाए
*उक्त मागो को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया*
जिसमें लोग सम्मलित थे
श्रीमती मीना नेगी जिला महामंत्री श्रीमती अनीता पंन्त जिला उपाध्यक्ष, श्रीमती लक्ष्मी जिला कोषाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष पोखरा ज्योति बिष्ट, ब्लॉक अध्यक्ष एकेश्वर संतोषी हेमरान, ब्लॉक अध्यक्ष नैनीडाडा बीना रावत, ब्लॉक अध्यक्ष यमकेश्वर सपना लखेरा, ब्लॉक अध्यक्ष कोट सरस्वती भटृ, ब्लॉक अध्यक्ष जहरीखाल गोदावरी, ब्लॉक अध्यक्ष पावौ विमल पोखरियाल, ब्लॉक अध्यक्ष खिरसू आशा भट्ट, ब्लॉक अध्यक्ष डुगड्डा श्रीमती संगीता भट्ट, ब्लॉक अध्यक्ष रिखणीखाल खाल सुषमा गुसाई, ब्लॉक अध्यक्ष
थैलीसैण विमला भट्ट, ब्लॉक अध्यक्ष कल्जीखाल श्रीमती आराधना, ब्लॉक अध्यक्ष द्वारीखाल श्रीमती गीता, ब्लॉक अध्यक्ष कोटद्वार बसंती रावत,
आदि सम्मलित थे।
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