उत्तराखंड में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के बाद अब लंपी बीमारी ने दी दस्तक, हरिद्वार जिला लंपी बीमारी से प्रभावित, अब तक 35 पशुओं की मौत

देहरादून

हरिद्वार जिले में गाय व भैंस में लंपी बीमारी तेजी से फैल रही है। यहां अब तक 35 पशुओं की इस बीमारी से मौत हुई है। 454 से अधिक पशुओं का 26 कैंपों के माध्यम से इलाज किया गया है।
उत्तराखंड में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के बाद अब लंपी बीमारी ने दस्तक दे दी है। हरिद्वार जिला लंपी बीमारी से प्रभावित है, यहां अब तक 35 पशुओं की मौत हो चुकी है। इसे लेकर सरकार ने प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया है। बुधवार को पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बैठक बुलाकर सभी जिलों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को रोकथाम व बचाव के लिए कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। पशुपालन निदेशक डॉ. प्रेम कुमार ने भी हरिद्वार जिले में रोग से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया।

हरिद्वार जिले में गाय व भैंस में लंपी बीमारी तेजी से फैल रही है। यहां अब तक 35 पशुओं की इस बीमारी से मौत हुई है। 454 से अधिक पशुओं का 26 कैंपों के माध्यम से इलाज किया गया है। बीमार पशुओं के इलाज के लिए 30 हजार गोट पॉक्स वैक्सीन हरिद्वार जिले को उपलब्ध कराई गई हैं। हालांकि अन्य किसी जिले में ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। पशुपालन विभाग ने अब सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दूसरे राज्यों की सीमा से सटे गांवों में पशुओं का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने के निर्देश दिए। कहा कि सभी मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों की ओर से टीकों की मांग विभाग को भेजी जाए। दरअसल, लंपी संक्रमण मच्छरों व मक्खियों से फैल रहा है। मंत्री ने उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिले में मच्छरों व मक्खियों की रोकथाम के लिए दवाईयों का छिड़काव करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव पशुपालन डॉ.बीवीआरसी पुरूषोत्तम, निदेशक पशुपालन डॉ.प्रेम कुमार, संयुक्त निदेशक रोग नियंत्रण डॉ.देवेंद्र शर्मा मौजूद रहे।
प्रदेश में अफ्रीकन स्वाइन फीवर फैलने से पौड़ी, देहरादून व नैनीताल जिलों में 715 सुअरों की मौत हुई है। जबकि रोग से संक्रमित 53 सुअरों को मारा गया है। पशुपालन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वाइन फीवर से हुई सुअरों की मौत पर प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के लिए उचित कार्यवाही करें।

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