श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति की कार्यप्रणाली और व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटे समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बेलगाम कार्मिकों पर चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में एक कार्मिक को निलंबित कर उसके विरुद्ध जांच बैठाई गई है। इस संबंध में मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी व केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के उप सचिव योगेंद्र सिंह की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आदेश में कहा गया है कि मंदिर समिति में व्यवस्थापक के पद पर कार्यरत राकेश सेमवाल द्वारा भंग किए जा चुके चारधाम देवस्थानम बोर्ड के समय बतौर प्रभारी अधिकारी गंगोत्री – यमुनोत्री में तैनात रहने पर की गई वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराई गई थी। उक्त जांच में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। सूत्रों के मुताबिक वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर सिंह पंवार की अध्यक्षता में एक संयुक्त जांच समिति गठित की गई थी। इस समिति में मंदिर समिति के सदस्य भास्कर डिमरी, उत्तरकाशी की जिला महाप्रबंधक (उद्योग), ऋषिकेश के कोषाधिकारी और एनआईसी के तीन तकनीकि विषेशज्ञों के अलावा मंदिर समिति के सहायक अभियंता शामिल थे। जांच समिति को बड़ी मात्रा में वित्तीय अनियमितताएं मिली हैं।
आदेश में राकेश सेमवाल पर पद का दुरूपयोग और उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने का आरोप भी है। बताया जाता है कि उक्त कार्मिक प्रबंधक के पद पर तैनात है, किन्तु वह अपने पदनाम के आगे विशेष कार्याधिकारी लिखता है। इस वर्ष जब अध्यक्ष अजेंद्र ने पहली बार मंदिर समिति में कर्मचारियों के स्थानांतरण किए तो उक्त कार्मिक को प्रबंधक के पद पर पीपलकोटी विश्राम गृह भेजा गया था। लेकिन उक्त कार्मिक ने बहुत समय तक स्थानांतरण आदेश को नहीं माना। जब उक्त कार्मिक का वेतन रोका गया तो तब उसने खानापूर्ति वाले अंदाज में नयी तैनाती पर अपनी उपस्थिति दी और छुट्टी का प्रार्थना पत्र देकर बिना स्वीकृति के छुट्टी पर चला गया। निलंबन आदेश में उक्त कार्मिक पर अन्य भी कई आरोप लगाए गए हैं। निलंबन अवधि में राकेश सेमवाल को मंदिर समिति द्वारा विद्यापीठ (गुप्तकाशी) में संचालित आयुर्वेदिक फार्मेसी के प्रधानाचार्य के साथ संबद्ध किया गया है।
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