सिस्टम की मार,सरकार की अनदेखी का शिकार अंतरराष्ट्रीय महिला पैराशूटर खिलाड़ी सड़क पर बेच रही है नमकीन बिस्कुट,सरकार से कर रही है एक अदद नोकरी की मांग।,

देहरादून

 

सिस्टम की मार तो देखिए अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी जिसने के बड़े पदक जीतकर देश ही नही प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है आज वह सड़क किनारे चिप्स,नमकीन बेचने को मजबूर है वही उत्तराखंड राज्य की लड़ाई लड़ने वाली बुजुर्ग माँ भी इस अवस्था मे राजधानी की सड़कों पर धक्के खाने को मजबूर है कोई हाल पूछ लेता है तो मां बेटी की आंखों में आंसू आ जाते है और ये आंसू ही उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों और खिलाड़ियों की दुर्दशा को बयां करते है।

सरकार की अनदेखी के चलते आज राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर में पदक विजेता खिलाड़ियों की स्थिति बेहद खराब है। स्थिति यह है कि खिलाड़ी खेलों में पदक जीतकर कई उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद खिलाड़ी सड़कों दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। लेकिन प्रदेश में इन खिलाड़ियों को लेकर कोई ठोस नीति अभी तक नही बन पायी है।

उत्तराखंड की झोली में 28 स्वर्ण,8 सिल्वर ओर 3 कांस्य पदक डालने वाली पहली महिला इंटरनेशनल पैरा शूटर दिलराज कौर अपनी मां के साथ गांधी पार्क के समीप नमकीन,बिस्कुट और टाफियां बेचने को मजबूर है ताकि वो अपना और अपनी मां का पेट भर सके।

बता दे कि प्रदेश सरकार की ठोस नीति न होने से खिलाड़ी आर्थिक संकट से जूझ रहे है। दिलराज कौर ने सरकार से उनकी उपलब्धियों और शैक्षिक योग्यता के आधार पर स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी देने की मांग की है। देहरादून के गोविंदगढ क्षेत्र की रहने वाली दिलराज कौर अंतराष्ट्रीय पैरालंपिक शूटर है। उन्होंने दो दर्जन से अधिक गोल्ड मेडल जीते है। शूटिंग में पदक जीतने के बावजूद शूटर दिलराज कौर की सरकार ने कोई सुध नहीं ली है। शूटिंग में उन्होंने कई उपलब्धिया उनके नाम है। लेकिन वर्तमान समय मे शूटर दिलराज कौर किराए की मकान में अपनी मां गुरदीप कौर के साथ रहती है। मगर घर के हालात ठीक नही है जिस कारण उन्हें आर्थिक तंगी ने घेर लिया है और अब गुजर बस के लिए गांधी पार्क के समीप चिप्स, नमकीन,बिस्कुट बेच रही है।

दिलराज कौर ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है। प्रदेश सरकार उनकी सुध तक नहीं ले रही है। कई बार नौकरी के लिए आवेदन करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई। आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने से नमकीन बेचकर पेट पालने को मजबूर है। उन्होंने सरकार से मजबूर से उनकी उपलब्धियों और शैक्षिक योग्यता को देखते हुए स्पोर्ट्स कोटे से उन्हें नौकरी देने की मांग की है।

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय पैरा महिला शूटर दिलराज ने 2005 में 29वीं नॉर्थ जोन शूटिंग चैंपियनशिप में कांस्य, चतुर्थ उत्तराखंड स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। वहीं केरल में हुई 15वीं ऑल इंडिया जीवी मावलेंकर शूटिंग चैंपियनशिप में चौथी रैंक हासिल की। हैदराबाद में 49वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और प्रथम इंटरनेशनल महिला शूटर बनी। साल 2004 में तृतीय उत्तरांचल स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, कोयम्बटूर में 14वीं ऑल इंडिया जीवीएम शूटिंग चैंपियनशिप में 12 रैंक हासिल कर प्रथम महिला पैरा शूटर ऑफ इंडिया बनी।

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