देहरादून: वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस पर सोमवार को राज्य के 12जनपद की 12 महिलाओं को अलग अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने पर राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कर और 35 को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की मंत्री रेखा आर्या ने ये पुरस्कार प्रदान किए। राज्यपाल ने सबको पुरस्कार मिलने की बधाई दी और उम्मीद जताई कि ये महिलाएं आगे और भी बेहतर कार्य करेंगी। साथ ही समाज की अन्य महिलाओं को अच्छे कार्य के लिए नेतृत्व प्रदान करेंगी।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस पर दिए जाने वाले राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कर और राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कारों की घोषणा एक दिन पहले ही कर दी थी। सोमवार को देहरादून में होने वाले समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 12 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 35 महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्री सम्मान पुरस्कार प्रदान किए गए।
राज्यपाल ने कहा कि जहां उत्तराखंड राज्य की इतनी देवियां साथ हों, वहां सुपर एनर्जी होना स्वाभाविक है। उन्होंने मंत्री रेखा आर्या के नर-नारी के अंतर को दूर करने और इसे समझाने के अंदाज की तारीफ करते हुए कहा कि पहाड़ की महिला को प्रभु का वरदान है। उन्होंने कहा कि यदि हर तरह से इन महिलाओं की मदद की जाए तो ये सबकुछ कर सकती हैं। उत्तराखंड की एक अलग बात देखिए यहां मुख्यमंत्री कांवड़ यात्रियों के पैर धोते हैं। ये हमारे संस्कारों का असर है।
राज्यपाल ने कहा कि बेटियों को साहस भरे फील्ड में आना चाहिए। अगर आपका आंगन अच्छा है तो घर भी अच्छा होगा। आंगनबाड़ी का जो काम है, वाकई में लगता है कि इनके लिए और भी बजट दिया जाना चाहिए। उन्होंने वीरांगना तीलू रौतेली को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके जीवन से हमको सीख लेनी चाहिए। ये नाम ग्लोबल प्लेटफार्म पर होना चाहिए। साथ ही अच्छे राइटर्स को इन पर लिखना चाहिए ताकि उनके बलिदान को सभी याद रख सकें।
विभाग की मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्यपाल हमारी पहाड़ की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए बेहद ही गहनता से सोचते हैं। उन्होंने पुरस्कार लेने वाली सभी महिलाओं को बधाई देते हुए बताया कि तीलू रौतेली का जन्म 1661 में हुआ था। राज्य सरकार इन वीरांगना द्वारा किये गए वीरता भरे कार्यों को संदेश के रूप में जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह आयोजन करती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजपुर विधायक खजानदास ने कहा कि महिलाओं को इस तरह का सम्मान दिए जाने उनका हौसला बढ़ता है। इस मौके पर विभाग के सचिव हरि चंद्र सेमवाल, डिप्टी डायरेक्टर एसके सिंह, डीपीओ अखिलेश मिश्र आदि ने विशेष सहयोग किया।
तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए इस बार विभिन्न जिलों से 120 महिलाओं ने आवेदन किए थे, जबकि आंगनबाड़ी कार्यकत्री सम्मान पुरस्कार के लिए 62 आवेदन हुए थे। विभागीय चयन समिति ने आवेदनों का परीक्षण पूर्ण करने के बाद शनिवार को नामों को अंतिम रूप दे दिया था। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा रविवार को की गई थी। इससे पूर्व मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय समिति द्वारा प्रेषित नामों पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा इन नामों का चयन किया गया।
इन्हें मिला सम्मान-
तीलू रौतेली सम्मान पाने वालों में डा. शशि जोशी (अल्मोड़ा), दीपा आर्य (बागेश्वर) मीना तिवाड़ी (चमोली) मंजूबाला (चम्पावत) नलिनी गोसाईं (देहरादून) प्रियंका प्रजापति (हरिद्वार) विद्या महतोलिया (नैनीताल) सावित्री देवी (पौड़ी) दुर्गा खड़ायत (पिथौरागढ़) गीता रावत (रुद्रप्रयाग) लता नौटियाल (उत्तरकाशी) प्रेमा विश्वास (ऊधमसिंह नगर) के नाम शामिल है। इसी तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दिए जाने वाले आंगनबाड़ी कार्यकत्री सम्मान पुरस्कार के लिए 35 में सर्वाधिक पांच पौड़ी जिले से हैं, जबकि बागेश्वर, चम्पावत और रुद्रप्रयाग से एक-एक है।
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