ऊर्जा विभाग के दावों की खुली पोल, लापरवाही का एक और बड़ा कारनामा आया सामने, गोविंदगढ़ शांति विहार क्षेत्र में शनिवार देर रात हाई टेंशन तार टूटकर सड़क पर गिरा, कई वाहन सवार हुए चोटिल, बड़ा हादसा होते-होते टला, विभाग के जेई और कर्मचारियो ने फोन नही किया रिसीव

देहरादून

राजधानी देहरादून का महत्त्वपूर्ण ऊर्जा विभाग कितना लापरवाह है ये किसी से छुपा नही है, विभाग की लापरवाही जगजाहिर है। इसी लापरवाही के चलते न जाने कितने लोग हादसों का शिकार होकर अपनी जान गवां बैठे है ये बात अलग है कि जब किसी की जान जाती है तो विभाग मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री जरूर कर लेता है।

ऐसा ही एक लापरवाही का मामला शनिवार देर रात लगभग 12 बजे थाना कैंट के शांति विहार,गोविंद गढ़ क्षेत्र में देखने को मिला जहां हनुमान मंदिर से आगे पुल के पास एक खम्बे से हाई टेंशन तार टूट कर सड़क पर गिर गया जिसकी चपेट में कई मोटर साईकिल सवार आ गए और चोटिल भी हुए एक सवार को तो करंट भी लगा लेकिन गनीमत रही कि उसकी जान बच गयी। इस बात का पता चलते आसपास के लोग एकत्रित हो गए और उन्होंने क्षेत्र से सम्बंधित कौलागढ़ विधुत विभाग के सब स्टेशन में सैकड़ो फ़ोन भी किये लेकिन किसी जिम्मेदार ने फोन रिसीव नही साथ ही कई फोन क्षेत्र के विधुत विभाग के जे ई भंडारी साहब को भी किये लेकिन उन्होंने भी फोन रिसीव नही किया। जिसके बाद घायल मोटर साईकिल सवार ने अपने फोन से इसकी सूचना 112 पर दी जिसपर 10 मिनट के भीतर बिंदाल चौकी से चीता पुलिस के 2 सिपाही मौके पर पहुंच गए और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए हाई टेंशन तार को सड़क के एक तरफ कराया ताकि और कोई बड़ी घटना न हो। यहां देखने वाली बात ये है कि जिस विभाग की इस बाबत जिम्मेदारी बनती है वो तो कुंभकर्ण की नींद ये समझकर सो गया कि किसी की जान जाती है तो जाए वही दूसरी तरफ पुलिस विभाग के वो दो सिपाही जोकि आनन फानन में मौके पर पहुंच गए और उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन ये सोच कर किया कि इसके बाद और कोई दुर्घटना का शिकार न हो जाये।

अब यहां देखने वाली बात ये है कि विधुत विभाग के मुखिया इस घटना पर क्या एक्शन लेते है कौलागढ़ सब स्टेशन में शनिवार की रात्री किन-किन कर्मचारियों की ड्यूटी थी जिन्होंने फोन रिसीव नही किया उनपर क्या कार्यवाही होती है,,,,? क्या इस मामले को ऐसे ही जाने दिया जाएगा,,? या फिर कर्मचारियों को दंडित कर लोगों में ये मैसेज दिया जाएगा कि विधुत विभाग इतनी बड़ी लापरवाही कतई बर्दाश्त नही करता।

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