राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर बालकृष्ण गोयल ने प्रेमधाम आश्रम का किया निरीक्षण, बुजुर्गजनों से किया संवाद,जाना हालचाल

देहरादून

आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर बालकृष्ण गोयल देहरादून के डालनवाला स्थित प्रेमधाम आश्रम पहुंचे।यहां उन्होंने आश्रम के निरीक्षण के साथ ही निवासरत बुजुर्गजनों का कुशलक्षेम जाना।साथ ही उन्होंने भोजनशाला में उपलब्ध कराए जा रहे भोजन , चिकित्सा आदि संबंधी गुणवत्ता जांची,जिसपर उन्होंने संतुष्टि व्यक्त की।

स्पेशल मॉनिटर के द्वारा निवासरत वृद्धजनों से उनकी दिनचर्या के बारे में वार्ता की गई,जहां उन्होंने आश्रम में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओ पर संतुष्टि व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने कहा की मानवाधिकार आयोग लोगो के हितों को सुरक्षित करने का कार्य करता है ,हमारा प्रयास है कि समाज मे कोई भी व्यक्ति यदि गलत प्रकार से अपराध करता है तो उसे मुख्यधारा में लाएं।

बताया कि उनका 6 दिवसीय उत्तराखंड दौरा रहा जहां उन्होंने विभिन्न विभागों का दौरा किया साथी उनकी समस्याओं को सुना।

वहीं इस अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर ने केदारपुरम स्थित नारी निकेतन का भी निरीक्षण किया ।यहां उन्होंने निवासरत महिलाओं से वार्ता के साथ ही उनकी दिनचर्या बारे में जाना।कहा कि हमे अपने जीवन मे परेशानियों से घबराना नही चाहिए बल्कि उसका मुकाबला करना चाहिए।जिंदगी में कई वक्त उतार चढ़ाव आते रहते हैं हमसबको उन्हें पार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।उन्होंने कहा कि नारी निकेतन में जो भी समस्याएं उन्हें दिखाई दीं हैं इस और उन्होंने इसे बेहतर करने के दिशा निर्देश अधिकारियों को दिया है।

जानकारी देते हुए बताया कि वृद्ध व्यक्तियों को भी अन्य सभी व्यक्तियों की तरह समान मानवाधिकार प्राप्त हैं। फिर भी वृद्ध व्यक्तियों को अपने मानवाधिकारों के पूर्ण अहसास और आनंद की बात आने पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वृद्ध व्यक्तियों को स्वास्थ्य और देखभाल की व्यवस्थाओं, रोजगार और सेवाओं तक पहुँच सहित कई प्रकार के भेदभाव और असमानताओं का सामना करना पड़ता है। वे हिंसा, दुर्व्यवहार, उपेक्षा और अलगाव के विभिन्न रूपों के साथ-साथ गरीबी की उच्च दरों का भी सामना करते हैं। इन्ही सभी चीजों को व्यवस्थित करने के लिए मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया है।जहाँ प्रत्येक व्यक्ति की फरियाद सुनी जाने के साथ ही उसका निस्तारण किया जाता है।

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