देहरादून
पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति निधि के उपयोग के सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के तहत ठोस अपशिष्ट के संग्रहण, भंडारण, परिवहन, प्रसंस्करण के लिए बुनयादी सुविधाएं तैयार करने, नाडेप पिट के माध्यम से जैव खादों के उत्पादन, सामूहिक सफाई अभियान को प्रोत्साहित करने, सेनेटरी वेस्ट एवं घरेलू खतरनाक अपशिष्ट के एकत्रीकरण व निपटान की व्यवस्था तथा सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के सम्बन्ध में कचरा बीनने वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट के तहत औद्योगिक ईकाईयों के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जब्त किए गए एसयूपी के परिवहन, रिसाइकिलिंग व निस्तारण के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने ऐसे व्यक्तियों, गैर सरकारी संगठनों एवं संस्थानों को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं जो प्लास्टिक कूड़े के पर्यारवणीय हित में प्रबन्धन के लिए कार्य कर रहे हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बायोमेडिकल वेस्ट मेनेजमेंट के सम्बन्ध में एक प्रभावी सर्विलेंस सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पेरामेडिकल कार्मिकों के लिए बायोमेडिकल वेस्ट के सेगरिगेशन, स्टोरेज व निस्तारण के सम्बन्ध में प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने खतरनाक अपशिष्ट प्रबन्धन ¼Hazardous waste management½ के तहत ऐसे लोगो के लिए कौशल विकास एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं जो खतरनाक अपशिष्ट की हैण्डिलिंग, रिसाईकिलिंग व प्री प्रोसेसिंग के कार्यों को करते हैं। उन्होंने संभावित खतरनाक अपशिष्ट दूषित स्थलों के आंकलन के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कन्सट्रक्शन एण्ड डिमोलेशन वेस्ट मेनेजमेंट के तहत निर्माण एवं धवस्तीकरण अपशिष्ट की प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना एवं अपग्रेडेशन के निर्देश दिए हैं।
सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने घरेलू अपशिष्ट जल के उपचार के सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं कि डिसेन्ट्रलाइज वेस्टवाटर ट्रीटमेंट सिस्टम को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही क्यूनिटी सेनेटरी कॉम्पलेक्स को भी प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने उपचारित जल का प्रयोग पीने के अलावा अन्य कार्यों में उपयोग हेतु प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। औद्योगिक अपशिष्ट जल के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि कॉमन ट्रीटमेंट प्लान्ट के स्थापना के लिए गैप फण्डिग का उपयोग किया जाए। जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण हेतु सीएस ने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्रों में वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने भूमिगत जल को रिचार्ज करने हेतु विशेष प्रयास के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने वायु प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण हेतु एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग नेटवर्क को सृदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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