देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अन्तर्गत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का आयोजन 14 साल बाद किया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस बैठक का आयोजन हर 06 माह में किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी बैठकों में एससी एवं एसटी आयोग के अध्यक्षों को भी विशेष सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत लंबित मामलों का समयबद्धता से निस्तारण हो, इसके लिए न्यायालयों में नियमित पैरवी की जाय। शिकायतें प्राप्त होने पर एफआईआर की कार्यवाही तत्काल की जाए और पुलिस द्वारा विवेचना तेजी से की जाय। अधिक समय से लंबित मामलों का मिशन मोड पर निस्तारण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाय की पीड़ितों को अनुमन्य सहायता राशि यथाशीघ्र मिल जाय। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की समस्याओं का गंभीरता से निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान निर्देश दिये कि ऐसी व्यवस्था की जाय कि 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन लगाने की व्यवस्था का सरलीकरण किया जाए, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानी न हो। इसके लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का भी अध्ययन किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि एससी एवं एसटी वर्ग की विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को एक ही प्लेटफार्म पर मिले, इसके लिए एकीकृत व्यवस्था बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, की जानकारी के लिए आमजन में समाज कल्याण विभाग और गृह विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए।
बैठक में वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और विभागीय योजनाओं के बारे में लोगों को पूरी जानकारी हो इसके लिए जनपद स्तर पर आयोजित बहुउद्देशीय कल्याण शिविरों के माध्यम से और विकासखण्ड कार्यालयों में वॉल पेंटिंग एवं फ्लैक्स के माध्यम से भी प्रचार किया जाए।
कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोगों में कार्यों में तेजी लाने के लिए वरिष्ठ अथवा पी.सी.एस अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। उन्होंने बैकलॉग के पदों को भरने के लिए और तेजी लाने की बात कही।
बैठक में सचिव समाज कल्याण डॉ. नीरज खैरवाल ने विस्तृत रूप से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों पर तत्काल अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी प्रकार के मामलों को वर्गीकृत करते हुए अगली बैठक में विवरण प्रस्तुत किया जायेगा।
बैठक में विधायक खजान दास, दुर्गेश्वर लाल, भूपाल राम टम्टा, फकीर राम, श्रीमती सरिता आर्य, श्रीमती पार्वती दास, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष सचिव गृह श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव प्रकाश चन्द्र, भगवत किशोर मिश्रा, ओंकार सिंह, निदेशक समाज कल्याण आशीष भटगाई, निदेशक जनजाति कल्याण संजय सिंह टोलिया एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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