देहरादून
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गुरुवार को दून मेडिकल कॉलेज में पहली सरकारी कैथ लेब के साथ डिजिटल रेडियोग्राफी एवं मैमोग्राफी का शुभारंभ किया गया।
अपने संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सक्षम मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ अन्य क्षेत्रों में भी विकास के नए प्रतिमान स्थापित हो रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा में समग्र देश के लोग यहां आते है। गंगा के इस प्रदेश के प्रति भी सबकी आस्था है। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिये जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था भारत सरकार द्वारा की जाती है उसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं एवं अन्य व्यवस्थायें चारधाम यात्रा के लिये भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विकास हेतु तेजी से कार्य किये जा रहे है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के विकास कार्यों में हर संभव मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में हो रहे विकास कार्यों से उत्तराखण्ड आगे बढ़ रहा है और भारत के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दो दशक पहले तक देश की 100 करोड़ जनता के लिये केवल एक एम्स था लेकिन आज उत्तराखण्ड की एक करोड़ जनता के लिये दिल्ली एम्स की सुविधाओं के समान ऋषिकेश में स्थापित एम्स बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी देश को डेवलप कंट्री बनना है तो जरूरी है कि उस देश के नागरिक स्वस्थ हो, नागरिक स्वस्थ होंगे तो समाज स्वस्थ होता है और स्वस्थ समाज ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन से देश में हो रहे बदलाव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका में जहां 10 करोड़ लोगों को तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा देने का कार्य किया, भारत में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश के 12 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा दी है। आज अमीर-गरीब को अस्पतालों में समान रूप से स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। पहले लोगों के लिए इलाज के लिए साहूकारों में कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ता था, आज उनका इलाज निःशुल्क हो रहा है, आयुष्मान भारत उदाहरण है सरकार के दायित्व का। देश के लगभग 70 हजार छात्र विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते रहे है। 2014 से पहले देश में मेडिकल की 54 हजार सीटे थी पिछले साल में यह संख्या दुगुनी हुई है। देश में 700 मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये है, 157 नर्सिंग कॉलेज बनाये गये हैं। एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के माध्यम से सेम्पल जांच की सुविधा हो गई है। टेलीमेडिसिन में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है, नए भारत का निर्माण हो रहा है। हेल्थ सेक्टर मजबूत हुआ हैं। इनोवेशन व रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है। युवा विज्ञानी आगे आ रहे है। कोविड के बेहतर प्रबंधन के लिये दुनिया ने भारत के प्रयासों को सराहा है। वसुधैव कुटुम्बकम की हमारी परम्परा रही है। केवल लाभ नहीं शुभ लाभ की हम कामना करने वाले है। कोविड लॉकडाउन के दौर में जब विदेशों में डॉक्टर नर्स अपने काम पर नहीं आ रहे थे, हमारे डॉक्टर एवं नर्सों ने निरंतर अपनी सेवाएं दी। स्वास्थ्य सेवा दुनिया के लिए प्रोफेशन है तो हमारे लिए जनसेवा है। हमारे समाज में डॉक्टर को देवदूत माना जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए हेल्थ टूरिज्म के क्षेत्र में भी आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया का दून चिकित्सालय में आईसीयू कॉम्प्लेक्स, कैथ लैब, डिजिटल रेडियोग्राफी और मैमोग्राफी के लोकार्पण से देहरादून को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सौगात देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन का मुख्य ध्येय होना चाहिए। यह हमारी संस्कृति मानती है। इस दृष्टि से हमारी सरकार ने राज्य में ’’जन-स्वास्थ्य’’ के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। आज देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दिशा निर्देशन में अन्य क्षेत्रों की भांति स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश निरंतर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं से लाभ सभी को मिला है। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा। आज यह बात हर भारतीय को गौरवान्वित करती है कि हमारे देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ चलाई जा रही है। प्रदेश में लगभग 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। राज्य में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में गर्भवती महिलाओं के कुल 92 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए हैं, जबकि 90 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क दवाइयां, 98 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण सेवायें एवं 89 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही राज्य के 9 जनपदों में 10 एस.एन.सी.यू. पूर्णतया क्रियाशील हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण से ग्रसित बच्चों के इलाज हेतु वर्तमान में 2 पोषण पुनर्वास केन्द्रों की हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर जनपदों में स्थापना की गयी है जिसमें आज तक 172 कुपोषित बच्चों का इलाज किया जा चुका है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 1735 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के लक्ष्य के सापेक्ष राज्य में 1820 सेन्टर क्रियाशील हैं। जिसमें 1382 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती की गयी है। जिनके माध्यम से करीब चौदह लाख रोगियों को परामर्श के साथ ही चिकित्सा उपचार प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 में राज्य हेतु निर्धारित लक्ष्य का 99 प्रतिशत पूर्ण किया गया जबकि वर्ष 2023 के लिए निर्धारित लक्ष्य को माह मई 2023 तक ही 92 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र पंजीकरण अभियान में भारत के प्रथम 10 राज्यों की सूची में उत्तराखण्ड का दूसरा स्थान है। राज्य के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता को बढायें जाने के दृष्टिगत You Quote We Pay योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में 14 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गयी है तथा द्वितीय चरण में 11 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिये गये हैं। इसके साथ ही टेली मेडिसिन सुविधा के तहत e-sanjveeni OPD राज्य में संचालित की जा रही है जिसमें अब तक लगभग 50 लाख से अधिक लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतवर्ष के प्रत्येक जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने के प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन के तहत केन्द्रीय वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत प्रदेश में हरिद्वार, रूद्रपुर एवं पिथौरागढ़ में प्रस्तावित राजकीय मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही पूर्व से स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में सीट क्षमता को 100 से 150 किये जाने हेतु कार्यवाही गतिमान है। उधमसिंहनगर जिले में एम्स ऋषिकेश के सैटेलाईट सेंटर का निर्माण, महिला स्वास्थ कार्यकर्ताओं तथा सामुदायिक स्वास्थ अधिकारियों की नियुक्ति, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा चिकित्सा की पढ़ाई को स्थानीय भाषाओं में संभव बनाने का प्रयास सहित अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष केदारनाथ की पवित्र धरती से प्रधानमंत्री मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के आधार पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के सहयोग से समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करने में सफल होंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 500 करोड़ तथा एम्स ऋषिकेश के सेटलाइट सेन्टर ऊधमसिंहनगर में स्थापना के लिए भी 500 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया है। प्रदेश में 4 नर्सिंग कालेजों की भी सहमति केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदान की गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा चारधाम यात्रा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी कैथ लैब की स्थापना की सहमति दी है। इससे यात्रियों के साथ स्थानीय जनता को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में देश के 10 राज्यों में शामिल हैं
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी सिंह बघेल, सांसद नरेश बसंल, विधायक खजान दास, श्रीमती सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, सचिव स्वास्थ्य आर. राजेश कुमार, कुलपति मेडिकल विश्वविद्यालय प्रो0 हेमचंद्र, अपर सचिव स्वास्थ्य नमामि बंसल, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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