देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को काशीपुर में एरामा पार्क का भमिपूजन कर प्लाटों का अवंटन किया। उन्होंने कहा कि आज कैप, सेलाकुई, सुगन्ध व्यापार संघ, दिल्ली तथा एशेंसियल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया नोएडा एवं सिडकुल द्वारा देश के प्रथम एरोमा पार्क की स्थापना उत्तराखण्ड में की जा रही है यह हमारे लिये गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसमें एरोमैटिक सेक्टर के विकास हेतु प्रदेश स्तर पर हमारी सरकार द्वारा एक विशिष्ट एवं समर्पित संस्थान सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) की स्थापना की गयी है, जिसे सगन्ध फार्मिंग द्वारा राज्य की आर्थिकी बढ़ाने का दायित्व सौंपा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो दशकों में राज्य सरकार द्वारा कैंप के माध्यम से प्रदेश में एरोमैटिक सेक्टर का काफी विकास किया गया है, जिसके माध्यम से प्रदेश में चौबीस हजार से भी अधिक किसान एरोमैटिक फार्मिंग से जुड़े है। प्रदेश में सरकार द्वारा एरोमैटिक सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सगन्ध फॉर्मिग के कलस्टर विकसित किये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश में 109 एरोमा कलस्टरों में सगन्ध फॉर्मिंग की जा रही है, जिसके अन्तर्गत 192 आसवन सयंत्र स्थापित किए गए हैं। सगन्ध फॉर्मिंग के बढ़ते क्षेत्रफल से वर्तमान में एरोमा सेक्टर का टर्नओवर 86 करोड़ से अधिक हो गया है, जबकि वर्ष 2002 में एरोमा सेक्टर का टर्नओवर लगभग 2 करोड़ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में एरोमैटिक सेक्टर के विकास तथा यहां उत्पादित सगन्ध तेलों की अच्छी गुणवत्ता को देखते हुए सगन्ध व्यापार संघ एवं इशेंस्यल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ई०ओ०ए०आई०), दिल्ली द्वारा प्रदेश में एरोमा पार्क बनाने का प्रस्ताव उत्तराखण्ड सरकार को दिया गया था। जिसे हमारी सरकार द्वारा सहर्ष स्वीकार करते हुए एरोमा पार्क पॉलिसी 2018 लागू की गयी, जिसके अन्तर्गत एरोमा तथा परफ्यूमरी से सम्बन्धित 46 उद्योग सिडकुल काशीपुर में स्थापित किए जा रहे है, जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 30 दिसम्बर 2021 को किया गया था। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य में एरोमा पार्क में स्थापित होने वाले उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सगन्ध फसलों की 6 एरोमा वैली विकसित करने का निर्णय लिया गया है। जिसमे डेमस्क रोज वैली जनपद चमोली एवं अल्मोड़ा, तिमूर वैली- पिथौरागढ़ सिनामॉन वैली चम्पावत एवं नैनीताल, लेमनग्रास एवं मिन्ट वैली- हरिद्वार, मिन्ट वैली – ऊधमसिंह नगर तथा लैमनग्रास लैमनग्रास एवं मिन्ट वैली हरिद्वार, मिन्ट वैली ऊधमसिंह नगर तथा लैमनग्रास वैली- पौड़ी 14000 है० क्षेत्रफल में विकसित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन उद्योगों द्वारा उत्तराखण्ड के सगन्ध काश्तकारों को बाजार उपलब्ध कराने के साथ- साथ हमारी सरकार द्वारा विकसित हो रही एरोमा वैलियों के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जायेगा। स्थापित सगन्ध उद्योगों की मांग के अनुसार नई फसलों की खेती द्वारा भी राज्य के किसानों को खेती के नये विकल्प मिलेगें, जिससे निश्चित ही उनकी आजीविका में और अधिक सुधार होगा। वर्तमान में एरोमा पार्क में एरोमा तथा परफ्यूमरी उद्योग लगाये जायेंगे, जिसमें लगभग 300 करोड़ का निवेश होगा तथा हजारों रोजगार के अवसर उपलब्ध होगें। बताया गया है कि अभी तक 24 प्लॉटों का आवंटन किया जा चुका है, जिनको आज पजेशन पत्र दिया जा रहा है। एरोमा पार्क में स्थापित होने वाले सगन्ध उद्योगों को राज्य सरकार द्वारा जो प्रोत्साहन दिये जा रहे है, इससे इस सेक्टर से जुड़े अन्य उद्योगपति भी एरोमा पार्क की ओर आकर्षित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशन में आर्थिकी और पर्यावरण के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए जहां एक ओर हम ऐसे उद्योगों और फसलों को बढ़ावा दे रहे हैं जिनको पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से लगाया जा सकता है वहीं दूसरी ओर हम ऐसी तकनीकें विकसित करने पर ध्यान दे रहे हैं जिससे हमारे किसानों की आय दुगनी हो सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह एरोमा पार्क बंजर पड़ी तीन लाख से अधिक कृषि भूमि में सगन्ध फसलों जैसे दालचीनी, तिमूर व सुरई आदि के बगीचे स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा जिससे जहां एक ओर सगन्ध पौध उत्पादन में वृद्धि होगी वहीं दूसरी ओर किसानों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को हर क्षेत्र में देश का एक श्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे ‘विकल्प रहित संकल्प’ के अनुरूप 2030 तक लगभग 21 हजार हैक्टेयर भूमि को सगन्ध फसलों से आच्छादित करने की योजना को साकार करने में यह उत्कृष्टता केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इसके साथ ही यह केंद्र हमारी 1 डिस्ट्रिक 2 प्रोडक्ट की पॉलिसी को विस्तार देने में भी कारगर सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एरोमा पार्क की स्थापना से सगन्ध फसलों के उत्पादन में तेजी से वृद्धि होगी तथा इन फसलों का राज्य में तीव्र विस्तार होगा। प्रदेश में पर्यटन एवं हॉर्टिकल्चर के साथ हार्टी टूरिज्म को बढावा देने के प्रयासों को भी इससे मदद मिलेगी।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भटट, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, मेयर सुश्री उषा चौधरी, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, एम.डी. सिडकुल श्री रोहित मीणा के साथ ही विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो दशकों में राज्य सरकार द्वारा कैंप के माध्यम से प्रदेश में एरोमैटिक सेक्टर का काफी विकास किया गया है, जिसके माध्यम से प्रदेश में चौबीस हजार से भी अधिक किसान एरोमैटिक फार्मिंग से जुड़े है। प्रदेश में सरकार द्वारा एरोमैटिक सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सगन्ध फॉर्मिग के कलस्टर विकसित किये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश में 109 एरोमा कलस्टरों में सगन्ध फॉर्मिंग की जा रही है, जिसके अन्तर्गत 192 आसवन सयंत्र स्थापित किए गए हैं। सगन्ध फॉर्मिंग के बढ़ते क्षेत्रफल से वर्तमान में एरोमा सेक्टर का टर्नओवर 86 करोड़ से अधिक हो गया है, जबकि वर्ष 2002 में एरोमा सेक्टर का टर्नओवर लगभग 2 करोड़ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में एरोमैटिक सेक्टर के विकास तथा यहां उत्पादित सगन्ध तेलों की अच्छी गुणवत्ता को देखते हुए सगन्ध व्यापार संघ एवं इशेंस्यल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ई०ओ०ए०आई०), दिल्ली द्वारा प्रदेश में एरोमा पार्क बनाने का प्रस्ताव उत्तराखण्ड सरकार को दिया गया था। जिसे हमारी सरकार द्वारा सहर्ष स्वीकार करते हुए एरोमा पार्क पॉलिसी 2018 लागू की गयी, जिसके अन्तर्गत एरोमा तथा परफ्यूमरी से सम्बन्धित 46 उद्योग सिडकुल काशीपुर में स्थापित किए जा रहे है, जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 30 दिसम्बर 2021 को किया गया था। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य में एरोमा पार्क में स्थापित होने वाले उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सगन्ध फसलों की 6 एरोमा वैली विकसित करने का निर्णय लिया गया है। जिसमे डेमस्क रोज वैली जनपद चमोली एवं अल्मोड़ा, तिमूर वैली- पिथौरागढ़ सिनामॉन वैली चम्पावत एवं नैनीताल, लेमनग्रास एवं मिन्ट वैली- हरिद्वार, मिन्ट वैली – ऊधमसिंह नगर तथा लैमनग्रास लैमनग्रास एवं मिन्ट वैली हरिद्वार, मिन्ट वैली ऊधमसिंह नगर तथा लैमनग्रास वैली- पौड़ी 14000 है० क्षेत्रफल में विकसित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन उद्योगों द्वारा उत्तराखण्ड के सगन्ध काश्तकारों को बाजार उपलब्ध कराने के साथ- साथ हमारी सरकार द्वारा विकसित हो रही एरोमा वैलियों के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जायेगा। स्थापित सगन्ध उद्योगों की मांग के अनुसार नई फसलों की खेती द्वारा भी राज्य के किसानों को खेती के नये विकल्प मिलेगें, जिससे निश्चित ही उनकी आजीविका में और अधिक सुधार होगा। वर्तमान में एरोमा पार्क में एरोमा तथा परफ्यूमरी उद्योग लगाये जायेंगे, जिसमें लगभग 300 करोड़ का निवेश होगा तथा हजारों रोजगार के अवसर उपलब्ध होगें। बताया गया है कि अभी तक 24 प्लॉटों का आवंटन किया जा चुका है, जिनको आज पजेशन पत्र दिया जा रहा है। एरोमा पार्क में स्थापित होने वाले सगन्ध उद्योगों को राज्य सरकार द्वारा जो प्रोत्साहन दिये जा रहे है, इससे इस सेक्टर से जुड़े अन्य उद्योगपति भी एरोमा पार्क की ओर आकर्षित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशन में आर्थिकी और पर्यावरण के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए जहां एक ओर हम ऐसे उद्योगों और फसलों को बढ़ावा दे रहे हैं जिनको पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से लगाया जा सकता है वहीं दूसरी ओर हम ऐसी तकनीकें विकसित करने पर ध्यान दे रहे हैं जिससे हमारे किसानों की आय दुगनी हो सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह एरोमा पार्क बंजर पड़ी तीन लाख से अधिक कृषि भूमि में सगन्ध फसलों जैसे दालचीनी, तिमूर व सुरई आदि के बगीचे स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा जिससे जहां एक ओर सगन्ध पौध उत्पादन में वृद्धि होगी वहीं दूसरी ओर किसानों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को हर क्षेत्र में देश का एक श्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे ‘विकल्प रहित संकल्प’ के अनुरूप 2030 तक लगभग 21 हजार हैक्टेयर भूमि को सगन्ध फसलों से आच्छादित करने की योजना को साकार करने में यह उत्कृष्टता केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इसके साथ ही यह केंद्र हमारी 1 डिस्ट्रिक 2 प्रोडक्ट की पॉलिसी को विस्तार देने में भी कारगर सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एरोमा पार्क की स्थापना से सगन्ध फसलों के उत्पादन में तेजी से वृद्धि होगी तथा इन फसलों का राज्य में तीव्र विस्तार होगा। प्रदेश में पर्यटन एवं हॉर्टिकल्चर के साथ हार्टी टूरिज्म को बढावा देने के प्रयासों को भी इससे मदद मिलेगी।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भटट, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, मेयर सुश्री उषा चौधरी, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, एम.डी. सिडकुल श्री रोहित मीणा के साथ ही विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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