वनाग्नि की घटनाओं से दहला उत्तराखण्ड, प्रदेश में वनाग्नि का आंकड़ा पहुंचा 647 के पार, कुल 769 हेक्टेयर वन क्षेत्र को हुआ नुकसान, प्रतिदिन वनाग्नि की घटनाओं को किया जा रहा है मोनिटर- मुख्य वन संरक्षक

निशांत वर्मा,मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि

देहरादून

प्रचंड गर्मी के साथ ही प्रदेश में वनाग्नि की घटनाओं में अचानक तेजी आने से वन महकमा अलर्ट है। बीते 24 घंटे में वनाग्नि की रिकॉर्ड 78 घटनाएं दर्ज की गईं। इसके साथ ही वर्तमान वनाग्निकाल में प्रदेश में वनाग्नि का आंकड़ा 647 पर पहुंच गया है। इनमें कुल 769 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, जबकि करीब 19 लाख रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति का आंकलन किया गया है। बीते छह दिनों की बात करें तो वनाग्नि की 171 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि बीते 24 घंटे में गढ़वाल में 34, कुमाऊं में 41 और संरक्षित वन्यजीव क्षेत्रों में तीन जगह आग लगी है। इससे 98 हेक्टेयर वन क्षेत्रफल को नुकसान पहुंचा है। साथ ही दो लाख रुपये से अधिक आर्थिक नुकसान का आकलन किया गया।

मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि निशांत वर्मा ने बताया कि प्रतिदिन वनाग्नि की घटनाओं को मोनिटर किया जा रहा है, साथ ही रिस्पॉन्स टाइम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी डीएफओ को निर्देशित किया गया है कि, जिलाधिकारी से समन्वय बनाते हुए एक टीम का गठन कर एक त्वरित रिस्पॉन्स टीम बनाएं, जिससे सामूहिक प्रशासन की जिम्मेदारी तय हो।

वहीं उन्होंने कहा कि, वर्तमान में विभाग के पास मैनपावर की कोई कमी नहीं है, सभी क्रू स्टेशन में संवेदनशील के आधार फायर वॉचर को तैनात किया गया है, साथ ही जरूरत पड़ने पर डीएफओ को फायर वॉचर को बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है।

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